नई दिल्ली। जितिन प्रसाद ने औपचारिक तौर पर कांग्रेस छोड़ दी है। जितिन प्रसाद ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय में अब से कुछ ही देर पहले प्रसाद ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की है। जितिन प्रसाद को केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बीजेपी की सदस्यता दिलाई है।



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बुधवार सुबह से ही अटकलें लगाई जा रही थीं कि कांग्रेस का कोई नेता आज बीजेपी के कुनबे में शामिल हो सकता है। हालांकि काफी देर तक यह स्पष्ट नहीं था कि कांग्रेस पार्टी का कौन सा नेता बीजेपी का दामन थामने वाला है। काफी देर तक कयासों का दौर चलने के बाद जितिन प्रसाद के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई। आखिरकार जितिन प्रसाद ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली।



जितिन प्रसाद कांग्रेस पार्टी से किस वजह से खफा चल रहे थे, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है। बताया जा रहा है कि जितिन उत्तर प्रदेश इकाई में कोई अहम पद न मिलने की वजह से पार्टी आलाकमान से नाराज़ थे। जितिन किसी समय राहुल गांधी के करीबी माने जाते थे। पिछले साल कांग्रेस आलाकमान में फेरबदल के लिए जिन 23 कांग्रेसी नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखा था, उसमें जितिन प्रसाद भी शामिल थे।





जितिन प्रसाद के बीजेपी में शामिल होने के बाद शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने उन्हें बधाई दी है। प्रियंका चतुर्वेदी ने जितिन प्रसाद को टैग करते हुए कहा है कि जितिन प्रसाद को उनकी नई यात्रा के लिए मेरी तरफ से ढेरों शुभकामनाएं। प्रियंका चतुर्वेदी खुद किसी ज़माने में कांग्रेस का हिस्सा थीं। लेकिन उन्होंने भी कांग्रेस छोड़ शिवसेना का दामन थाम लिया था। इस समय महाराष्ट्र सरकार में कांग्रेस शिवसेना की सहयोगी है।



वहीं प्रसाद के बीजेपी में शामिल होने पर कांग्रेस नेता उदित राज ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि जितिन के बीजेपी में चले जाने से न तो कांग्रेस को कोई नुक़सान हुआ है और न ही बीजेपी को इससे कोई फायदा पहुंचेगा। उदित राज ने अपने ट्विटर हैंडल पर कहा 'जितिन प्रसाद bjp में शामिल हुए। इससे न कांग्रेस को नुकसान और न बीजेपी को फायदा। मुबारक हो!'





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जितिन प्रसाद ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत यूथ कांग्रेस से की थी।2004 में जितिन प्रसाद शाहजहांपुर से पहली बार लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए। इसके बाद 2009 में वे लखीमपुर खीरी जिले की सीट धौरहरा से निर्वाचित हुए। जितिन प्रसाद यूपीए सरकार के दौरान कई मंत्रालयों की ज़िम्मेदारी भी संभाल चुके थे। 



अगले साल उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। लेकिन चुनावों से पहले ही उत्तर प्रदेश बीजेपी में गुटबाजी की खबरें काफी आम हो चुकी हैं। इस बीच कांग्रेस के नेता को बीजेपी में शामिल किया जाना, उत्तर प्रदेश बीजेपी में गुटबाजी की खाई को पाटने की कोशिशों पर पानी फेर सकता है।