नई दिल्ली/चंडीगढ़। पंजाब के रहने वाले एक 74 वर्षीय प्रोफेसर ने वैक्सीन लगवाने से इनकार कर दिया है। प्रोफेसर के वैक्सीन न लगाने की वजह वैक्सीन के प्रमाण पत्र पर लगाई जाने वाली प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर है। पूर्व प्रोफेसर चमनलाल ने इसके लिए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने मोदी की तस्वीर को लेकर नाराज़गी ज़ाहिर की है। पूर्व प्रोफेसर की मांग है कि वैक्सीन के प्रमाण पत्र से मोदी की तस्वीर को हटवा देना चाहिए। 

चमनलाल जेएनयू में प्रोफेसर रह चुके हैं, इसके साथ ही उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी में डीन के तौर पर भी अपनी सेवाएं दी हैं। उन्हें वैक्सीन के प्रमाण पत्र पीएम मोदी की तस्वीर को लेकर कड़ी आपत्ति है। लिहाज़ा उन्होंने कैप्टन अमरिंदर सिंह को लिखा है कि अगर वैक्सीन के प्रमाण पत्र मोदी की तस्वीर लगाना ज़रूरी ही है, तब मौत के प्रमाण पत्र पर भी मोदी की तस्वीर चस्पा की जानी चाहिए। 

चमनलाल ने अमरिंदर सिंह को लिखे पत्र में कहा है कि जब से प्रधानमंत्री मोदी दोबारा सत्ता में आए हैं, वे अपने कार्यों का बखान करते नहीं थक रहे हैं। भारत में असहाय लोगों को सत्ता पर काबिज राजनेता की तस्वीर के साथ प्रमाण पत्र दिया जा रहा है। जबकि हकीकत यह है कि भारत को मौत के इस मुहाने पर लाकर खड़ा करने का ज़िम्मेदार सत्ता पर काबिज दल की नीतियां ही हैं। कोरोना की दूसरी लहर में तो सत्ताधारी दल की लापरवाही साफ तौर पर उजागर हुई है। 

यह भी पढ़ें : Akhilesh Yadav: बीजेपी की वैक्सीन नहीं लगाऊंगा, हमारी सरकार आएगी तो सबको मुफ्त वैक्सीन देगी

चमनलाल ने अमरिंदर सिंह को कहा है कि वे प्रमाण पत्र में मोदी की तस्वीर को जायज़ नहीं मानते। दुनिया भर का कोई भी देश इस रिवाज़ को नहीं अपना रहा है। टीकाकरण एक राष्ट्रीय अभियान है जिसमें चिकित्सा और स्वास्थ्य से संबंधित किसी अधिकारी के हस्ताक्षर या मुहर होना चाहिए। चमनलाल ने अमरिंदर सिंह से प्रमाण पत्र में से मोदी की तस्वीर हटाने की मांग की है। 

यह भी पढ़ें : शुतुरमुर्ग भले ही रेत में सिर नहीं गड़ाते, लेकिन भारत सरकार गड़ा रही है, भारत के खंडन पर ऑस्ट्रेलियन अख़बार का जवाब

चमनलाल ने कहा है कि जब प्रमाण पत्र में मोदी की तस्वीर लगाना इतना ही ज़रूरी है तब ऐसी परिस्थिति में मृत्यु के प्रमाण पत्र में भी मोदी की ही तस्वीर लगाई जाए। चमनलाल ने कहा है कि मैं खुद 74 वर्ष का हूं, मुझे टीकाकरण की बेहद ही आवश्यकता है। लेकिन प्रमाण पत्र में जबरन लगाई गई मोदी की तस्वीर को मैं सामाजिक रूप से अनुचित मानता हूं।