तिरुअनंतपुरम। हाथरस जाते समय गिरफ्तार किए गए केरल के पत्रकार सिद्दकी कप्पन का परिवार न्याय की आस में है। जहां एक तरफ अर्णब गोस्वामी के मामले में इतनी तेजी से सबकुछ हुआ कि उन्हें जमानत भी मिल गई। वहीं दूसरी तरफ पत्रकार कप्पन की जमानत याचिका पर गिरफ्तारी के करीब डेढ़ महीने बाद यानी आज सुप्रीम कोर्ट में पहली सुनावाई होगी। दरअसल कप्पन को पांच अक्टूबर को मथुरा में पुलिस ने उस वक्त गिरफ्तार किया था जब वे हाथरस में सामूहिक बलात्कार की पीड़िता के परिवार के सदस्यों से मिलने उनके गांव जा रहे थे।

कप्पन की पत्नी रयाना का कहना है कि जब मुझे पता चला कि अर्णब गोस्वामी को जमानत मिल गई है तो मुझे मैं यह सोचने पर मजबूर हो गई कि क्या मेरे पति को न्याय नहीं मिलेगा? रयाना ने कहा कि पति की गिरफ्तार के बाद से अदालत और जेल अधिकारियों ने उनसे मिलने  तक नहीं दिया। हमें उनके बारे में कुछ नहीं पता है। हमने विभिन्न स्तरों पर न्यायपालिका और सरकार से संपर्क किया है, लेकिन अभी तक हमें न्याय नहीं मिला है। क्या हम इस देश के नागरिक नहीं हैं? मुझे लगता है कि न्यायपालिका ने भी हमें छोड़ दिया है। लगता है सभी के लिए समान न्याय नहीं है, सिर्फ चुनिंदा लोगों को ही न्याय मिलता है। अर्णब गोस्वामी के मामले में सब चीजें इतनी तेजी से आगे कैसे बढ़ीं?

रयाना ने पति पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि हाथरस की घटना को कवर करने के लिए उनके पास टैक्सी किराए पर लेने के लिए पैसे नहीं थे। उसने दोस्तों से कहा था कि अगर कोई वहां जा रहा है तो उसे बता दें। इसीलिए वे कुछ लोगों के साथ टैक्सी शेयर करके जा रहे थे।

कप्पन की पत्नी ने कहा कि वह न्याय की आस में कई राजनीतिक नेताओं से मिली लेकिन सभी ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि मामला उत्तर प्रदेश का है वह कुछ नहीं कर सकते।