उत्तर प्रदेश के कानुपर जिले की नजीराबाद पुलिस ने कथित एनकाउंटर में मारे गए कुख्यात अपराधी विकास दुबे के खास सहयोगी जयकांत बाजपेयी और उसके दोस्त को गिरफ्तार कर लिया है। विकास दुबे के 'खंजाची' के रूप में मशहूर जयकांत पिछले 16 दिन से कथित रूप से पुलिस की हिरासत में था। उत्तर प्रदेश के अपर महासचिव अवनीश अवस्थी और कानपुर के पूर्व एसएसपी अनंत देव से भी उसके घनिष्ठ संबंध बताए जाते हैं। पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जयकांत पर आपराधिक साजिश करने और विकास दुबे को बिकरू मुठभेड़ से पहले दो लाख रूपये तथा रिवाल्वर के 25 कारतूस देने का आरोप है ।

बयान में कहा गया है कि जांच में सामने आया कि जयकांत बाजपेयी और उसके दोस्त प्रकाश शुक्ला ने बिकरू कांड से पहले कुख्यात अपराधी विकास दुबे को घटना को अंजाम देने के षडयंत्र में संलिप्त रह कर मदद की । इसमें कहा गया है कि एक जुलाई को विकास दुबे ने जयकांत बाजपेयी को फोन किया, इसके बाद उसने अपने साथी प्रशांत शुक्ला के साथ दो जुलाई को बिकरू गांव पहुंचकर विकास दुबे को दो लाख रूपये नकद और रिवाल्वर के 25 कारतूस दिये और घटना को अंजाम देने में उसकी सहायता की ।

पुलिस ने बयान में आगे बताया कि योजना के मुताबिक बाजपेयी और उसके साथी ने विकास दुबे और उसके गिरोह को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए तीन लग्जरी गाड़ियां चार जुलाई को लेकर जा रहा था और पुलिस की सक्रियता की वजह से उन लोगों ने तीनो वाहनों को काकादेव थाना क्षेत्र में छोड़ दिया था ।

बयान के मुताबिक इस संबंध में सबूत उपलब्ध होने के बाद दोनों को विभिन्न आपराधिक धाराओं में गिरफ्तार कर लिया गया है। अभियुक्त जयकांत बाजपेयी के द्वारा लाइसेंस प्राप्त कारतूसों को विकास दुबे गैंग को दिये गए, इसके फलस्वरूप बाजपेयी के खिलाफ हथियार अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।

इस बीच उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी को उनके पद से हटाने की मांग उठ रही है। मांग उठाने वालों का कहना है कि क्योंकि बाजपेयी के अवस्थी से संबंध होने की बात सामने आई है और अवस्थी प्रदेश सरकार में इतने बड़े पद पर काबिज हैं, ऐसे में वे इस मामले की जांच को प्रभावित कर सकते हैं।

गौरतलब है कि दो तीन जुलाई की देर रात कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के गांव बिकरू निवासी दुर्दांत अपराधी विकास दुबे को उसके गांव पकड़ने पहुंची पुलिस टीम पर उसने कथित तौर पर हमला कर दिया जिसमें एक क्षेत्राधिकारी, थानाध्यक्ष समेत आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे । मुठभेड़ में पांच पुलिसकर्मी, एक होमगार्ड और एक आम नागरिक घायल हो गए थे । बाद में एक कथित पुलिस मुठभेड़ में विकास दुबे भी मारा गया था ।