बेंगलुरु। कर्नाटक में सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू हो चुकी है। दोपहर तक सरकार की तस्वीर साफ हो जाएगी। सभी पार्टियों में मतगणना को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है। खास तौर पर कांग्रेस के खेमे में जबरदस्त उत्साह है। पार्टी को उम्मीद है कि उसकी सरकार राज्य में बनने जा रही है। दरअसल, मतदान के बाद आए सर्वे में सभी में कांग्रेस को बहुमत मिलना दिखाया गया था। काउंटिंग को देखते हुए राजधानी बेंगलुरु में धारा 144 लगा दी गई है।

राज्य में 38 साल से सत्ता रिपीट नहीं हुई है। आखिरी बार 1985 में रामकृष्ण हेगड़े के नेतृत्व वाली जनता पार्टी ने सत्ता में रहते हुए चुनाव जीता था। इस चुनाव में हार-जीत का सीधा असर इस साल होने वाले राज्यों के विधानसभा चुनवा और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव पर भी पड़ने वाला है। 2024 से पहले जो विपक्षी एकता की बात की जा रही है, उसमें कांग्रेस की कितनी बड़ी भूमिका रहेगी, ये कर्नाटक तय करने वाला है। 

बीजेपी के लिए भी कर्नाटक में जीतना बहुत जरूरी है। दक्षिण की राजनीति में इसी राज्य ने पार्टी की एंट्री करवाई है। अगर ये हाथ से फिसल गया तो सीधा मतलब है कि दक्षिण से बीजेपी का खात्मा। कर्नाटक चुनाव को लेकर जितने भी एग्जिट पोल हुए हैं, एक संदेश स्पष्ट निकल रहा है कि कांग्रेस को बीजेपी के सामने बढ़त है। सरकार बनाने की इस बार प्रबल संभावना भी उसकी जताई जा रही है। कुल 10 एग्जिट पोल जो सामने आए हैं, पांच हंग एसेंबली की ओर इशारा जरूर कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस को सबसे बड़ी पार्टी बता रहे हैं।

सिर्फ एक एग्जिट पोल में बीजेपी को बहुमत दिया जा रहा है, यानी कि देश की सबसे बड़ी पार्टी के लिए खतरे की घंटी जरूर बजी है। कांग्रेस को सबसे ज्यादा सीटें एक्सिस माइ इंडिया के एग्जिट पोल से मिली हैं। अगर वो अनुमान सही निकल जाता है तो कांग्रेस अपना सबसे अच्छा प्रदर्शन करते हुए 140 सीटें तक जीत सकती है। 

कर्नाटक चुनाव के नतीजों से पहले पार्टी की बैठक के बाद कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कहा कि हम सिर्फ अपना काम कर रहे हैं। कांग्रेस नेता सलीम अहमद ने कहा कि कांग्रेस एक बार फिर बहुमत के साथ सरकार बनाएगी। हम इसे लेकर आश्वस्त हैं। उन्होंने कहा कि कर्नाटक की जनता बदलाव की ओर देख रही है, वे इस वर्तमान सरकार से तंग आ चुकी है।