नई दिल्ली। फिल्म जगत से राजनीति में आईं खुशबू सुंदर ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के कुछ ही घंटे के बाद बीजेपी का दामन थाम लिया। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्षा को लिखे अपने पत्र में सुंदर ने ऊंचे पद पर बैठे नेताओं ने द्वारा उन्हें दबाने की बात कही थी। पत्र के तुरंत बाद पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय प्रवक्ता के पद से हटा दिया था। खुशबू ने यह कदम ऐसे समय उठाया है, जब अगले साल राज्य में विधानसभा चुनाव हैं। बीजेपी को लगता है कि खुशबू के आने से पार्टी को राज्य में फायदा हो सकता है। 



दिल्ली में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करते हुए खुशबू सुंदर ने कहा कि अगर देश को आगे बढ़ना है तो हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे नेता की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बीजेपी से मेरी आशा यह नहीं है कि पार्टी मेरे लिए क्या करेगी, बल्कि पार्टी देश के लोगों के लिए क्या करने जा रही है। सुंदर ने कहा कि जह देश के 128 करोड़ लोगों ने प्रधानमंत्री पर भरोसा जताया है तो इसका मतलब है कि वे कुछ अच्छा ही कर रहे हैं। 



 





हालांकि, कहा यह जा रहा है कि खुशबू का यह दल बदल महज अवसरवादिता का प्रदर्शन है। खुशबू सुंदर ने 2109 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी से टिकट मांगी थी। लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। दूसरी तरफ बीजेपी ने उन्हें अगले विधानसभा चुनाव में टिकट देने का वादा किया है। टिकट ना मिलने के बाद से ही खुशबू कांग्रेस पार्टी के खिलाफ बयानबाजी कर रही थीं।  



इससे पहले सोनिया गांधी के नाम अपने पत्र में खुशबू ने लिखा, "जो लोग पार्टी के लिए काम करना चाहते हैं उन्हें दबाया जा रहा है। पार्टी में ऊंचे पदों पर बैठे कुछ लोग यह कर रहे हैं। उनका जमीनी हकीकत से कोई वास्ता नहीं है। ना ही जनता उन्हें पहचानती है। ये लोग आदेश दे रहे हैं।"



खुशबू ने लिखा है कि इन हालात में लंबे समय तक विचार विमर्श के बाद उन्होंने कांग्रेस से अपना नाता तोड़ने का फैसला लिया है। खुशबू ने कांग्रेस पार्टी में काम करने का मौका देने के लिए सोनिया गांधी को धन्यवाद भी दिया।  



खुशबू सुंदर के इस्तीफे पर कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम ने ट्विटर के जरिए प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा है अपनी बातों से 180 डिग्री पलट जाने का पैंतरा आसान नहीं होता। गुड लक!



 





दरअसल, खुशबू सुंदर ने जुलाई में ही यह संकेत दे दिए थे कि वे पार्टी छोड़ने वाली हैं। उस समय उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा लाई गई नई शिक्षा नीति का समर्थन किया था।  



पार्टी से इस्तीफा देने से पहले खुशबू ने ट्वीट किया, "कुछ लोग मुझमें बदलाव देख रहे हैं। हां, जब आपकी उम्र बढ़ती है तब आप नई बातें सीखते हैं, पुरानी बातें भूल जाते हैं, आपके विचार बदलते हैं, वे नया आकार लेते हैं। आपके सपने बदलते हैं। आप कई चीजों में अंतर करना सीख पाते हैं। परिवर्तन तो होता ही है।"





इससे पहले सुंदर 2010 में डीएमके में शामिल हुई थीं। तब पार्टी सत्ता में थी। 2014 में उन्होंने डीएमके को यह कहते हुए छोड़ दिया था कि पार्टी के लिए की गई मेहनत एकतरफा साबित हुई।