नई दिल्ली। बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली कानून की छात्रा अपने पिछले बयानों से मुकर गई है। 23 वर्षीय साल की एलएलएम की छात्रा ने लखनऊ की विशेष एमपी-एमएलए अदालत में में जज के सामने कहा कि उसने कुछ गलत लोगों के दबाव में आकर चिन्मयानंद के खिलाफ झूठे आरोप लगा दिए थे। हालांकि उसने यह खुलासा नहीं कि ये लोग कौन हैं। छात्रा के इस बयान के बाद अब उसके खिलाफ ही कोर्ट के सामने झूठ बोलने का केस चलाया जाएगा।

सरकारी वकील अभय त्रिपाठी ने बताया कि चिन्मयानंद पर रेप का आरोप लगाने वाली कानून की छात्रा ने मंगलवार को एडिशनल जिला जज पवन कुमार राय की अदालत में अपना बयान दर्ज कराया। इस बयान में उसने अपने पिछले बयानों से मुकरते हुए कहा कि उसने चिन्मयानंद पर पहले जो आरोप लगाए, वे झूठे हैं। छात्रा ने कहा कि उसने ये आरोप कुछ गलत लोगों के दबाव में आकर लगा दिए थे। हालांकि उसने यह नहीं बताया कि ये गलत लोग कौन हैं, जिन्होंने उस पर गलत आरोप लगाने के लिए दबाव डाला था। 

छात्रा के बयान बदलने के बाद अभियोजन पक्ष ने उसके खिलाफ सीआरपीसी की धारा 340 के तहत झूठा बयान देने के आरोप में मुकदमा चलाए जाने की अर्जी दाखिल की है। कोर्ट ने इस अर्जी को स्वीकार कर लिया है। जस्टिस पीके रॉय ने अपने कार्यालय को वह याचिका पंजीकृत करने का निर्देश देते हुए अभियोजन पक्ष से कहा कि वह अर्जी की एक कॉपी पीड़ित पक्ष और अभियुक्त पक्ष को उपलब्ध कराए। साथ ही अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को तय की है।

क्या है पूरा मामला ?

गौरतलब है कि पिछले साल शाहजहांपुर के स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय में पढ़ने वाली एलएलएम की छात्रा ने बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ बलात्कार व यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए थे। इस कॉलेज का संचालन चिन्मयानंद का ट्रस्ट ही करता है। साथ ही उस छात्रा के साथ चिन्मयानंद का कथित आपत्तिजनक वीडियो भी मीडिया में आया था। जिसके बाद छात्रा के लगाए आरोपों ने काफी तूल पकड़ा था और चिन्मयानंद की गिरफ्तारी भी हुई थी। 

पिछले साल 20 सितंबर को गिरफ्तार होने के बाद चिन्मयानंद को तीन फरवरी 2020 को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिली थी। स्वामी के खिलाफ धारा 376C, 354D, 342 और 506 के तहत मामला चल रहा था जिसमें अबतक लगभग 33 गवाह और 29 दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत किए गए थे।