नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मदन बी. लोकुर ने लव जिहाद कानून को असंवैधानिक को करार दिया है। मदन लोकुर ने कहा है कि लव जिहाद कानून चुनने की स्वतंत्रता के खिलाफ है। उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में तथाकथित लव जिहाद को रोकने के लिए कानून बनाया है।  

यूपी सरकार का कानून दुर्भाग्यपूर्ण : लोकुर 

जस्टिस लोकुर ने अपने एक भाषण के दौरान यूपी सरकार के कानून का ज़िक्र करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में पारित अध्यादेश दुर्भाग्यपूर्ण है। जस्टिस लोकुर ने कहा कि यह अध्‍यादेश चुनने की आजादी, गरिमा और मानवाधिकारों की अनदेखी करता है। उन्होंने कहा कि दो धर्मों के लोगों की शादी के लिए अलग से प्रावधान बनाने और अड़चनें खड़ी करने वाला ये कानून व्यक्तिगत आज़ादी और व्‍यक्ति की गरिमा के खिलाफ है।

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जस्टिस लोकुर ने इस सिलसिले में 2018 में सामने आए बहुचर्चित हादिया मामले का ज़िक्र भी किया। उन्होंने कहा कि 'हादिया केस में 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने साफ-साफ कहा था कि एक महिला अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन करके इस्‍लाम अपना सकती है और अपनी पसंद के आदमी से शादी कर सकती है। कथित लव जिहाद के खिलाफ बनाा गया कानून सुप्रीम के उस आदेश की अनदेखी करता है। 

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बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने हाल ही में ‘उत्‍तर प्रदेश विधि विरूद्ध धर्म संपविर्तन प्रतिषेध अध्‍यादेश, 2020’ पास किया है, जिसे राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी मंजूरी दे दी है। इस कानून में अलग-अलग धर्मों के लोगों की शादी के लिए दो महीने पहले जिलाधिकारी के पास आवेदन देने और उसकी मंजूरी के बाद ही शादी करने जैसी बंदिशें लगाई गई हैं। इस कानून में भय, प्रलोभन, झूठ, दबाव डालकर या बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन या शादी करने या करवाने के आरोप में दस साल की तक की कैद का प्रावधान भी किया गया है। खास बात यह भी है कि इसमें धर्म परिवर्तन करके शादी करने के मामले में अगर कोई भी आरोप लगा तो आरोप लगाने वाले को कुछ भी साबित करने की ज़रूरत नहीं है। बल्कि जिस पर आरोप लगा है, उसे ही साबित करना होगा कि वो निर्दोष है।