Ashok Gehlot: बीजेपी ने देश को बांटने के लिए गढ़ा लव जिहाद का शब्द
अशोक गहलोत ने कथित लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने को लेकर बीजेपी की राज्य सरकारों पर साधा निशाना

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी शासित राज्यों में कथित लव जिहाद को मुद्दा बनाए जाने पर करारा हमला किया है। उन्होंने कहा है कि प्यार में जिहाद की कोई जगह नहीं होती, दरअसल लव जिहाद का शब्द बीजेपी ने देश को बांटने और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए गढ़ा है।
अशोक गहलोत ने लव जिहाद के मुद्दे पर बीजेपी को इसलिए घेरा है, क्योंकि हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश समेत बीजेपी शासित कई राज्यों की सरकारें कथित लव जिहाद के खिलाफ कानून लाने की तैयारी कर रही हैं। गहलोत ने ये भी कहा है कि बीजेपी की राज्य सरकारें जो कानून बनाना चाहती हैं, वो पूरी तरह असंवैधानिक है, क्योंकि शादी विवाह निजी स्वतंत्रता का मामला है। उन्होंने अपने ट्वीट में यह भी कहा कि ऐसे कानून अदालत में टिक नहीं पाएंगे।
Love Jihad is a word manufactured by BJP to divide the Nation & disturb communal harmony. Marriage is a matter of personal liberty, bringing a law to curb it is completely unconstitutional & it will not stand in any court of law. Jihad has no place in Love.
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) November 20, 2020
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अशोक गहलोत ने इस मसले पर शुक्रवार को एक के बाद एक तीन ट्वीट किए। जिनमें उन्होंने कथित लव जिहाद से जुड़ी सियासी सोच का पर्दाफाश किया है। अपने दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा है, '"वे देश में ऐसा माहौल बनाना चाहते हैं जिसमें आपसी रज़ामंदी से शादी करने के इच्छुक दो बालिग लोग राज्य की ताकत के आगे लाचार हो जाएं। शादी एक निजी फैसला है, और वे उस पर बंदिशें लगा रहे हैं, जो व्यक्तिगत स्वतंत्रता को छीनने वाली बात है।"
They are creating an environment in the nation where consenting adults would be at the mercy of state power. Marriage is a personal decision & they are putting curbs on it, which is like snatching away personal liberty.
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) November 20, 2020
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गहलोत ने अपने तीसरे ट्वीट में लिखा है कि ऐसा लगता है कि यह सब देश के सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने, सामाजिक टकराव को हवा देने और नागरिकों के बीच किसी तरह का भेदभाव नहीं करने के संवैधानिक प्रावधानों को दरकिनार करने की सोची-समझी चाल है।