मुंबई। महाराष्ट्र में इस समय कुदरत का कहर जारी है। पिछले 48 घंटे से भारी बारिश के कारण राज्य में अफरा-तफरी मची है। रत्नागिरी और रायगढ़ जिलों की प्रमुख नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। लगातार बारिश के चलते दर्जनों जिलों में बाढ़ की स्थिति है। बारिश से जुड़ी घटनाओं और भूस्खलन में अबतक 136 लोगों की मौत हो गई है।

चिंता की बात ये है कि 48 घंटे बीत जाने के बावजूद मौसम का कहर अभी खत्म होता नहीं दिख रहा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने राज्य के छह जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी कर दिया है। इन इलाकों में अगले दो से तीन दिनों के दौरान भारी बारिश जारी रहने की संभावना है। पश्चिमी महाराष्ट्र के पुणे मंडल में भारी बारिश के कारण सभी नदियां उफान पर हैं। अबतक करीब 85 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इनमें 40,000 से अधिक लोग कोल्हापुर जिले के रहने वाले हैं। 

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अधिकारियों ने बताया कि कोल्हापुर शहर के पास पंचगंगा नदी 2019 में आई बाढ़ के स्तर से भी ऊपर बह रही है। बाढ़ की वजह से कोल्हापुर जिला सहकारी दूध उत्पादक संघ ने कहा कि कोल्हापुर, सांगली और महाराष्ट्र के कई जिलों से मुंबई में दूध की सप्लाई नहीं होगी। उधर रायगढ़ में भूस्खलन के बाद अब तक 33 शव बरामद किए गए हैं, लेकिन 52 लोग अभी भी लापता हैं। शनिवार सुबह रेस्कयू ऑपरेशन फिर से शुरू हो गया है। यहां भूस्खलन की वजह से कुल 32 घर तबाह हो गए हैं। 

महाराष्ट्र सरकार ने भूस्खलन में मरने वाले लोगों के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। अधिकारियों के मुताबिक अगले 24 घंटे तटीय कोंकण इलाके में स्थित रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों के लिए चुनौतीपूर्ण होने वाले हैं।इसके अलावा पश्चिमी महाराष्ट्र के पुणे, सतारा और कोल्हापुर जिलों में भी बारिश का कहर जारी रहने की संभावना है।