सारनाथ में भगवान बुद्ध ने पूरे जीवन का, पूरे ज्ञान का सूत्र हमें बताया था: पीएम मोदी
बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा की बुद्ध के मार्ग पर चलकर बडी से बड़ी चुनौती का सामना किया जा सकता है

नई दिल्ली। देशभर में आज आषाढ़ पूर्णिमा यानी गुरु पूर्णिमा मनाया जा रहा है। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक वर्चुअल कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि सारनाथ में भगवान बुद्ध ने पूरे जीवन का, पूरे ज्ञान का सूत्र हमें बताया था। पीएम ने कहा कि भगवान बुद्ध ने हमें जीवन के लिए आठ अमूल्य मंत्र दिए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, 'आप सभी को धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस और आषाढ़ पूर्णिमा की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। आज हम गुरु-पूर्णिमा भी मनाते हैं, और आज के ही दिन भगवान बुद्ध ने बुद्धत्व की प्राप्ति के बाद अपना पहला ज्ञान संसार को दिया था। त्याग और तितिक्षा से तपे बुद्ध जब बोलते हैं तो केवल शब्द ही नहीं निकलते, बल्कि धम्मचक्र का प्रवर्तन होता है।'
Speaking at the Ashadha Purnima-Dhamma Chakra Day programme. https://t.co/hVtPxqiWlK
— Narendra Modi (@narendramodi) July 24, 2021
प्रधानमंत्री ने कहा कि बुद्ध ने केवल पाँच शिष्यों को उपदेश दिया था, लेकिन आज पूरी दुनिया में उन शब्दों के अनुयायी हैं, बुद्ध में आस्था रखने वाले लोग हैं। उन्होंने कहा, 'सारनाथ में भगवान बुद्ध ने पूरे जीवन का, पूरे ज्ञान का सूत्र हमें बताया था। उन्होंने दुःख के बारे में बताया, दुःख के कारण के बारे में बताया, ये आश्वासन दिया कि दुःखों से जीता जा सकता है, और इस जीत का रास्ता भी बताया।'
सारनाथ में भगवान बुद्ध ने पूरे जीवन का, पूरे ज्ञान का सूत्र हमें बताया था।
— PMO India (@PMOIndia) July 24, 2021
उन्होंने दुःख के बारे में बताया, दुःख के कारण के बारे में बताया, ये आश्वासन दिया कि दुःखों से जीता जा सकता है, और इस जीत का रास्ता भी बताया: PM @narendramodi
मोदी ने कहा कि, 'आज कोरोना महामारी के रूप में मानवता के सामने वैसा ही संकट है जब भगवान बुद्ध हमारे लिए और भी प्रासंगिक हो जाते हैं। बुद्ध के मार्ग पर चलकर ही बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना हम कैसे कर सकते हैं, भारत ने ये करके दिखाया है। बुद्ध के सम्यक विचार को लेकर आज दुनिया के देश भी एक दूसरे का हाथ थाम रहे हैं, एक दूसरे की ताकत बन रहे हैं।'