कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को एक अनोखा सुझाव दे डाला। उन्होंने कहा है कि देश की सिर्फ एक ही नहीं, बल्कि चार राजधानियां होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोलकाता पहले भी भारत की राजधानी रह चुकी है और शहर को एक बार फिर से वही दर्जा हासिल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम, देश के चारों हिस्सों में रोटेशन के आधार पर चार राजधानियां हों तो इसमें क्या हर्ज़ है। ममता बनर्जी ने अपने एक कार्यक्रम में यह सुझाव भी दिया कि संसद के सत्र भी सिर्फ दिल्ली में ही नहीं, देश के अलग-अलग हिस्सों में होने चाहिए। ममता बनर्जी ने परोक्ष रूप से बीजेपी पर तंज़ कसते हुए कहा, एक देश, एक नेता, एक राशन कार्ड और एक पार्टी के विचार को बदलने की जरूरत है 

सुभाष चन्द्र बोस की जयंती पर आयोजित एक समारोह में ममता ने कहा, ब्रिटिश काल में कोलकाता शहर देश की राजधानी रह चुका है। मुझे लगता है रोटेशन के आधार पर हमारे देश में चार राजधानी होनी चाहिए। देश की सिर्फ एक ही राजधानी क्यों हो? ममता ने कहा कि संसद के सत्र भी देश के अलग अलग हिस्सों में होने चाहिए। ममता ने कहा कि हमें अपनी अवधारणा बदलने की ज़रूरत है। ममता ने कहा कि दक्षिण भारत में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल या अन्य राज्य, उत्तर भारत में पंजाब या हरियाणा, पूर्व में बिहार, ओडिशा या बंगाल, और उत्तर पूर्वी राज्यों में भारत की राजधानी होनी चाहिए। 

नेताजी की जयंती को पराक्रम दिवस के नाम से क्यों मनाया जा रहा है: ममता 

ममता ने बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि नेताजी की जयंती को बीजेपी ने पराक्रम दिवस के तौर पर मनाने का फैसला किया है। ममता ने कहा कि वे लोग राजनीतिक तौर पर मुझे नापसंद करते हैं लेकिन पराक्रम दिवस पर हामी भरने से पहले उन्हें एक बार मुझसे ज़रूर पूछ लेना चाहिए था। उन्हें नेताजी के परिजन सुगत बोस और सुमांत्रा बोस से पूछना चाहिए था। 

ममता ने कहा हम नेता जी का जन्म दिवस देश नायक दिवस के तौर पर मना रहे हैं, क्योंकि इसके पीछे एक इतिहास है। गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर ने नेताजी को देशनायक नाम दिया था। इसीलिए हम बंगाल के दो महान सपूतों को आपस में जोड़ने के लिए इस दिन को देशनायक दिवस के तौर पर मना रहे हैं।

ममता बनर्जी ने बीजेपी के ऊपर तंज कसते हुए कहा कि हम केवल उन वर्षों में नेताजी का जन्मदिवस नहीं मनाते जब चुनाव आने वाले होते हैं। ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि देश के राष्ट्रगान जन गण मन को बदलने के लिए भी एक बड़ा खेल खेला जा रहा है। ममता ने कहा कि नेताजी ने ही जन गण मन को राष्ट्रगान बनाने की बात कही थी। हम राष्ट्रगान नहीं बदलने देंगे।