कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के ठीक पहले एक नया दांव चल दिया है। ममता ने आचार संहिता लागू होने के चंद मिनट पहले ही राज्य के दिहाड़ी मजदूरों की मजदूरी बढ़ाने का एलान किया है। ममता के इस कदम से दिहाड़ी मजदूरों के पारिश्रमिक में काफी बढ़ोतरी हो जाएगी।

ममता बनर्जी ने अपने इस फैसले की जानकारी ट्वीट करके दी है। उन्होंने एलान किया है कि अकुशल दिहाड़ी मजदूरों की मजदूरी 144 रुपये प्रतिदिन से बढ़ाकर 202 रुपए की जा रही है। जबकि अर्द्ध कुशल श्रमिकों को अब 172 रुपए की बजाय 303 रुपए मिलेंगे। कुशल श्रमिकों की एक नई कैटेगरी बनाई गई है, जिसके तहत आने वाले मज़दूरों को एक दिन में 404 रुपए मिलेंगे। राज्य सरकार के इस निर्णय से राज्य के करीब 56 हजार 500 श्रमिकों को सीधा फायदा होगा। इनमें 40,500 अकुशल, 8000 अर्धकुशल, और 8000 कुशल श्रमिक हैं। लेकिन इनके अलावा भी इस एलान से राज्य में मजदूरी की सामान्य दरें में सुधार होने की उम्मीद भी की जा सकती है, जिसका लाभ तमाम श्रमिकों को मिलेगा। 

ममता के इस ऐलान के बाद एक ओर जहां पश्चिम बंगाल के दिहाड़ी श्रमिकों में खुशी की लहर है, वहीं विपक्ष के लिए चुनाव पूर्व सीएम का यह एलान सरदर्द बन गया है। दरअसल, चुनाव आयोग द्वारा चुनावी तारीखों के ऐलान के साथ ही आचार संहिता लागू हो जाती है। आचार संहिता लागू होने के बाद सरकार न तो किसी तरह के नए विकास कार्यों का उद्घाटन कर सकती है और न ही नई योजनाओं का एलान किया जा सकता है।

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यही वजह है कि सीएम ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू होने के ठीक एक घंटे पहले मजदूरों के वेतन में बढ़ोतरी का एलान करके अपनी तरफ से मास्टरस्ट्रोक चल दिया है। चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया है। राज्य में आठ चरणों में चुनाव होंगे और 2 मई को नतीजे घोषित किए जाएंगे। निर्वाचन आयोग ने बताया है कि राज्य में पहले चरण का मतदान 27 मार्च को होगा। इसके बाद दूसरे चरण की वोटिंग 1 अप्रैल को, तीसरे चरण का मतदान 6 अप्रैल को, चौथे चरण की वोटिंग 10 अप्रैल को होगी। मतदान का पांचवां चरण 17 अप्रैल को, छठां चरण 22 अप्रैल को, सातवां चरण 26 अप्रैल को और आठवां चरण 29 अप्रैल को संपन्न होगा।