नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता मनोज सिन्हा जम्मू-कश्मीर के नए उपराज्यपाल होंगे। गुरुवार सुबह राष्ट्रपति भवन की ओर से मनोज सिन्हा की नियुक्ति की घोषणा की गई। गिरीश चंद्र मुर्मू ने कल अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। अनुच्छेद 370 हटने की पहली वर्षगांठ पर मुर्मू ने त्यागपत्र दिया है। वे लगभग नौ महीने तक उपराज्यपाल रहे। 1985 बैच के आईएएस मुर्मू भारत के नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (सीएजी) हो सकते हैं। 



जम्मू-कश्मीर के नए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में केंद्रीय संचार मंत्री और रेल राज्यमंत्री रह चुके हैं। बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के छात्र रहे मनोज सिन्हा आरएसएस की पृष्ठभूमि से हैं। सिन्हा 1996, 1999 और 2014 में गाजीपुर से सांसद चुने गए थे।



मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मुर्मू ने बुधवार को पूरे दिन सरकारी कामकाज किया। प्रशासनिक परिषद की बैठक की अध्यक्षता की। बुधवार देर शाम अचानक उपराज्यपाल के इस्तीफे की चर्चा शुरू हो गई।





गुजरात केमुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव रहे मुर्मू 4 जी और चुनावों पर दिए बयानों के कारण चर्चा में आए थे। मुर्मू ने एक अखबार को इंटरव्यू दिया था जिसमें उन्होंने 4जी सेवाएं बहाल करने में किसी भी प्रकार की आपत्ति न होने तथा जल्द विधानसभा चुनाव कराने की भी बात कही थी। इसे लेकर चुनाव आयोग ने आपत्ति जताई थी कि चुनाव कराने का काम आयोग का है न कि उप राज्यपाल का। केंद्र सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि 4जी संबंधी मुर्मू के बयानों का वह परीक्षण करेगी।