नई दिल्ली। देश में हुए उपराष्ट्रपति चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। NDA उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन देश के अगले उपराष्ट्रपति होंगे। राधाकृष्णन को कुल 452 वोट मिले, वहीं INDIA कैंडीडेट सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले। राधाकृष्णन ने 152 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है।

इससे पहले वोटिंग खत्म होने के उपरांत कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने दावा किया था कि वोटिंग में विपक्ष पूरी तरह एकजुट रहा और उसके सभी 315 सांसदों ने मतदान में हिस्सा लिया। ऐसे में अब सवाल उठ रहे हैं कि विपक्ष के 15 वोट कहां खिसक गए। हालांकि, 15 वोट अमान्य बताकर रद्द भी कर दिए गए। ऐसा दूसरे पेन से वोट डालने से होता है।

कौन हैं सीपी राधाकृष्णन ?

सीपी राधाकृष्णन का जन्म 4 मई 1957 को तमिलनाडु के तिरुपुर जिले में हुआ। उन्होंने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक की पढ़ाई की। उनका राजनीतिक सफर आरएसएस से शुरू हुआ। 1974 में वे भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी समिति के सदस्य बने। ये ओबीसी समुदाय कोंगु वेल्लार (गाउंडर) से आते हैं। 

साल 1996 में उन्हें भाजपा तमिलनाडु का सचिव बनाया गया। इसके बाद 1998 में कोयंबटूर से वे पहली बार लोकसभा सांसद चुने गए और 1999 में फिर से जीत का परचम लहराया। साथ ही संसद में उन्होंने टेक्सटाइल पर स्थायी समिति के अध्यक्ष के तौर पर भी काम किया है। वे पीएसयू समिति, वित्त पर परामर्श समिति और शेयर बाजार घोटाले की जांच करने वाली विशेष समिति के सदस्य भी रहे हैं।

साल 2004 में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा को भारतीय संसदीय दल के हिस्से के रूप में संबोधित भी किया है। वे ताइवान जाने वाले पहले संसदीय प्रतिनिधिमंडल का भी हिस्सा थे। साल 2004 से 2007 तक वे भाजपा तमिलनाडु प्रदेश अध्यक्ष रहे। इस दौरान उन्होंने 19,000 किलोमीटर लंबी रथयात्रा निकाली, जो 93 दिनों तक चली। इस यात्रा में उन्होंने नदियों को जोड़ने, आतंकवाद खत्म करने, समान नागरिक संहिता लागू करने, छुआछूत समाप्त करने और मादक पदार्थों के खिलाफ अभियान जैसे मुद्दे उठाए।

साल 2016 से 2020 तक वे कोचीन स्थित कोयर बोर्ड के अध्यक्ष रहे। 18 फरवरी 2023 को उन्हें झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया। उन्होंने मात्र चार महीनों में राज्य के सभी 24 जिलों का दौरा किया और जनता व प्रशासन से सीधे संवाद किया। 31 जुलाई 2024 को उन्हें महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया गया। इसी बीच साल 2024 में इन्हें तेलंगाना का भी राज्यपाल बनाया गया था। इतना ही नहीं, ये पुड्डुचेरी के उपराज्यपाल भी बनाए जा चुके हैं।