नई दिल्ली। भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान की छुपी हुई परमाणु गतिविधियों को लेकर चिंता जताई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान लंबे समय से गुप्त परमाणु कार्यक्रम, तकनीक की तस्करी, अनधिकृत पार्टनरशिप और AQ खान नेटवर्क के जरिए अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करता रहा है। उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा दुनिया को इसकी जानकारी दी है और इसी संदर्भ में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के हालिया बयान को भी ध्यान से नोट किया गया है। ट्रम्प ने दावा किया था कि पाकिस्तान गुप्त रूप से परमाणु परीक्षण कर रहा है।

विदेश मंत्रालय की साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रवक्ता ने कहा कि AQ खान नेटवर्क वर्षों तक परमाणु तकनीक और उपकरणों की अवैध तस्करी करता रहा है। यह नेटवर्क पाकिस्तान के वैज्ञानिक अब्दुल कदीर खान द्वारा बनाया गया था जो 1970 से 2000 तक सक्रिय रहा था। जांच में साबित हुआ कि इस नेटवर्क ने ईरान, उत्तर कोरिया और लीबिया को चोरी-छिपे संवर्धित यूरेनियम तकनीक और डिजाइन मुहैया कराए थे। 2003 में लीबिया द्वारा एटमी जानकारी साझा करने के बाद पूरा नेटवर्क उजागर हुआ था। साल 2004 में ए.क्यू. खान ने टीवी पर स्वीकार किया कि उन्होंने यह तकनीक कई देशों तक पहुंचाई है। हालांकि, उन्होंने इस कार्रवाई को अपनी निजी पहल बताया था।

यह भी पढ़ें:ग्वालियर नगर निगम में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार का पर्दाफाश, EOW ने 4 अफसरों पर दर्ज की FIR

ट्रम्प ने अपने इंटरव्यू में कहा था कि अमेरिका को एक बार फिर परमाणु परीक्षण शुरू करने चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि रूस, चीन और पाकिस्तान जैसी शक्तियां गुप्त टेस्टिंग कर रही हैं। उन्होंने दावा किया कि इन देशों की गतिविधियां दुनिया की नजरों से छिपी रहती हैं। जबकि, अमेरिका खुलकर परीक्षण नहीं करता। प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत सरकार ने कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी जानकारी दी। प्रवक्ता ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रम्प की भारत यात्रा पर अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं है। इसके अलावा उन्होंने रूस की सेना में भर्ती हुए 44 भारतीयों की सुरक्षित रिहाई की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उनकी रिहाई की लगातार बातचीत जारी है। सरकार रूस में गैरकानूनी भर्ती के धंधे को बंद कराने की मांग भी कर रही है।

यह भी पढ़ें:दिल्ली के अस्पतालों की फूली साँस, फेफड़ों की बीमारी से खचाखच भरे ओपीडी सेंटर्स

वहीं, उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने थाईलैंड से 270 भारतीयों की वापसी की पुष्टि भी की गई जो म्यांमार से भागकर वहां पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि कुछ और भारतीयों के लौटने की प्रक्रिया जारी है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि यूएई में फंसे रिटायर्ड मेजर विक्रांत कुमार जैतली से भारतीय दूतावास की चार बार मुलाकात हो चुकी है और कोर्ट के निर्देश पर मदद दी जा रही है। इसके अलावा विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत के काबुल मिशन को अब दूतावास स्तर पर अपग्रेड किया गया है जिसके तहत स्टाफ बढ़ाने और जिम्मेदारियों के विस्तार की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। क्वाड के संदर्भ में प्रवक्ता ने कहा कि यह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चार देशों के लिए रणनीतिक सहयोग का महत्वपूर्ण मंच बना हुआ है और हाल ही में मुंबई में आयोजित इंडिया मैरीटाइम वीक इसका उदाहरण है।

यह भी पढ़ें:MP: पेड़ काटने से रोका तो गुप्तांग काट देंगे, BJP विधायक ने डिप्टी रेंजर को दी धमकी