MP: पेड़ काटने से रोका तो गुप्तांग काट देंगे, BJP विधायक ने डिप्टी रेंजर को दी धमकी

राजगढ़ में आरा मशीनें सील करने गई वन विभाग की टीम पर विवाद बढ़ गया। डिप्टी रेंजर ने आरोप लगाया कि कार्रवाई रोकने के लिए उन्हें गुप्तांग काटने की धमकी दी गई। मामले में स्थानीय विधायक पर भी दबाव बनाने का आरोप लगा है।

Publish: Nov 07, 2025, 02:33 PM IST

Photo Courtesy: Amar Ujala
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राजगढ़। मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में वन विभाग की कार्रवाई के बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। उड़नदस्ता टीम के डिप्टी रेंजर मोहन सिंह सोनगिरा ने आरोप लगाया है कि क्षेत्र में अवैध लकड़ी कटाई के खिलाफ कार्रवाई करने पर उन्हें न केवल जान से मारने की धमकियां दी गईं बल्कि गला और गुप्तांग काट देने तक की बात कही गई। इस मामले में उन्होंने खिलचीपुर के भाजपा विधायक हजारीलाल दांगी और उनके समर्थकों पर भी धमकी दिलाने के गंभीर आरोप लगाए हैं। डिप्टी रेंजर ने कोतवाली और जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को लिखित शिकायत सौंपी है।

घटना 27 और 28 अक्टूबर की है जब राजगढ़ वनमंडल की उड़नदस्ता टीम उप वनमंडल अधिकारी के निर्देश पर छापीहेड़ा और जीरापुर क्षेत्र में जांच कर रही थी। टीम में डिप्टी रेंजर मोहन सिंह सोनगिरा सहित विभाग के अन्य कर्मचारी शामिल थे। जांच के दौरान उन्हें कई आरा मशीनों पर गीली लकड़ी और बिना ट्रांजिट पास (टीपी) के संग्रहित लकड़ी मिली। विभागीय नियमों के तहत चार आरा मशीनों को तत्काल सील कर दिया गया।

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टीम की कार्रवाई के बाद क्षेत्र के लकड़ी कारोबारियों और संचालकों में हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि जिले में अब तक 13 से 14 आरा मशीनों को इसी तरह की अनियमितताओं पर सील किया जा चुका है। जिनमें कई का संबंध स्थानीय रसूखदार और राजनीतिक परिवारों से है। आरामशीनों के सील होने के कुछ ही घंटे बाद डिप्टी रेंजर सोनगिरा को रात में कालूराम नाम के आरा मशीन संचालक का फोन आया। शिकायत के अनुसार, फोन पर गाली-गलौज करते हुए कालूराम नामक व्यक्ति ने कहा,“तेरी गर्दन कटवा दूंगा, तेरे गुप्तांग काट दूंगा, तूने मशीन सील करके बड़ी गलती की है। पैसे क्यों नहीं लेता?”

अगले दिन टीम जीरापुर में जांच कर रही थी तभी गुड्डा राठौर और रमेश विश्वकर्मा नाम के आरा मशीन संचालकों ने भी कथित रूप से धमकाया और हाथापाई करने की कोशिश की। इस दौरान माहौल इतना तनावपूर्ण हो गया कि टीम को तत्काल क्षेत्र से निकलना पड़ा। डिप्टी रेंजर के मुताबिक घटनाएं यहीं नहीं रुकीं। राजगढ़ लौटने पर जीरापुर का गब्बर नामक व्यक्ति उड़नदस्ता कार्यालय पहुंच गया और उनकी गर्दन पकड़कर कहा, “मेरे रास्ते से हट जा, नहीं तो जान से मार दूंगा।” लगातार धमकियों से परेशान सोनगिरा मीडिया के सामने भावुक हो गए और रोते हुए कहा,“हम सिर्फ सरकारी आदेश का पालन कर रहे हैं। ये लोग बहुत रसूखदार है। मेरी जान को खतरा है। पहले भी भागकर जान बचानी पड़ी थी अब स्थिति और बिगड़ गई है।”

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सोनगिरा ने अपने आवेदन में कहा है कि धमकियां केवल संचालकों तक सीमित नहीं रहीं बल्कि खिलचीपुर विधायक हजारीलाल दांगी की ओर से भी उन पर दबाव बनाया गया। उनके अनुसार, कार्रवाई के बाद विधायक का फोन आया और कहा गया, “तू तुरंत वापस आ जा, मैं सबसे बात कर लूंगा, नहीं तो तेरी कार्रवाई करवा दूंगा।” हालांकि, विधायक दांगी ने इन आरोपों को पूरी तरह गलत बताया है। उनका कहना है,“मैंने आज तक किसी को कोई धमकी नहीं दी। जो आरोप लगाए हैं, वे निराधार हैं। आरा मशीन वालों द्वारा धमकी देने की बात की भी मुझे कोई जानकारी नहीं है। न मैंने फोन लगाया और न ही धमकी दी।”

डिप्टी रेंजर ने कोतवाली थाने, जिला पुलिस अधीक्षक और वन मंडल अधिकारी को लिखित शिकायत दी है। कोतवाली थाना प्रभारी अखिलेश वर्मा के अनुसार मामला जीरापुर थाना क्षेत्र का है। आवेदन मिलने के बाद आवश्यक प्रक्रिया के तहत शिकायत को जीरापुर थाना क्षेत्र में अग्रेषित किया जाएगा। पुलिस का कहना है कि यदि शिकायतकर्ता औपचारिक कायमी चाहता है तो दोनों स्थानों पर अपराध दर्ज हो सकता है लेकिन जांच जीरापुर में ही होगी।

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डिप्टी रेंजर ने धमकी देने वाले जिन चार व्यक्तियों का नाम लिया है वे, कालूराम छापीहेड़ा, गब्बर (हबीब खान) जीरापुर, रमेश विश्वकर्मा ग्राम खारपा और महेश गुड्डा राठौर ग्राम जीरापुर है। वन विभाग के कर्मचारियों ने इन सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। विभाग के अनुसार अवैध लकड़ी माफिया लंबे समय से सक्रिय हैं और हाल में की गई बड़े स्तर की सीलिंग कार्रवाई के बाद उनका विरोध आक्रामक रूप ले रहा है।