नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी के काफिले को कथित प्रदर्शनकारियों द्वारा रोके जाने के मामले में भाजपा नेताओं की पोल खुल गई है। फ्लाईओवर पर फंसे प्रधानमंत्री के काफिले का नया वीडियो सामने आया है। जिसमें यह साफ नज़र आ रहा है कि उनके काफिले को घेरने वाले लोग प्रदर्शनकारी नहीं, बल्कि खुद उनकी पार्टी और उनके समर्थक थे।
वीडियो में कुछ लोग बीजेपी का झंडा थामे प्रधानमंत्री मोदी के जिंदाबाद के नारे लगा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी के काफिले की ठीक दूसरी तरफ लोग लगातार प्रधानमंत्री मोदी की जयकार लगाते सुने जा सकते हैं। इससे पहले बुधवार शाम को ही पीएम के काफिले का वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें बीजेपी के झंडे देखे गए थे।
हालांकि वह वीडियो पीएम के काफिले से काफी दूर से शूट किया गया था। जिस वजह से इस पूरे दृश्य की स्थिति स्पष्ट नहीं हुई थी। लेकिन अब फ्लाईओवर और पीएम के काफिले का करीब से शूट किया गया वीडियो सामने आया है, जिसमें बीजेपी के समर्थक उनके ही जिंदाबाद के नारे लगाते देखे जा रहे हैं।
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर बीजेपी के नेताओं का दावा था कि प्रधानमंत्री मोदी के काफिले तक एक साजिश के तहत प्रदर्शनकारियों को पहुंचाया गया। बीजेपी ने इसका आरोप पंजाब की कांग्रेस सरकार पर लगाया। खुद एक न्यूज एजेंसी ने प्रधानमंत्री के हवाले से यह दावा किया कि बठिंडा एयरपोर्ट पहुंचने पर प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से कहा सीएम चन्नी को धन्यवाद देने के लिए कहा था क्योंकि वे एयरपोर्ट तक जिंदा पहुंच पाए।
दरअसल प्रधानमंत्री मोदी के पंजाब दौरे से पहले ही उनका पुरजोर विरोध हो रहा था। राज्य में जगह जगह मोदी गोबैक के नारे लग रहे थे। वहीं फिरोजपुर में रैली स्थल पर अधिकतर कुर्सियां खाली पड़ी हुई थीं। कांग्रेस खुद रैली में लोगों के नदारद रहने के कारण सुरक्षा कारणों का बहाना बहाए जाने की बात कर रही है।
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इस पूरे घटनाक्रम को लेकर बीजेपी का प्रमुख दावा यही था कि प्रधानमंत्री के काफिले को प्रदर्शनकारियों ने रोक लिया था। जबकि ख़ुद फिरोजपुर की रैली में भीड़ एकत्रित करने के लिए हरियाणा से बीजेपी समर्थकों को बसों में भरकर लाया जा रहा था। बीजेपी और खुद प्रधानमंत्री के हो रहे पुरजोर विरोध के चलते प्रदर्शनकारी किसान रैली में जाने वाले लोगों को रोक रहे थे। खुद पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने बकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बात कही थी कि प्रदर्शनकारियों के जत्थे का प्रधानमंत्री के काफिले से कोई टकराव नहीं हुआ था। बल्कि जिस जगह पर प्रदर्शनकारी एकत्रित हो गए थे, वहां से प्रधानमंत्री का काफिला काफी दूरी पर था।