दिल्ली। त्योहारी सीजन में आम आदमी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। गरीबों की थाली में सबसे आसानी से अपनी जगह बनाने वाली सब्जी आलू भी अपने साथी प्याज और टमाटर की तरह लोगों की पहुंच से दूर होती जा रही है। उपभोक्‍ता मामलों के मंत्रालय के आंकडों की मानें तो बीते एक साल में आलू के थोक और रीटेल दामों में भारी बढ़ोतरी देखी गई है। थोक मार्केट में आलू 108 प्रतिशत महंगा हुआ है।

जहां एक साल पहले यही आलू 1739 रुपये क्विंटल में बेचा जाता था। अब आलू थोक बाजार में 3633 रुपये क्विंटल मिलने लगा है। वहीं प्‍याज 5,645 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई है, इसी प्याज की कीमत सालभर पहले 1,739 थी। इस आंकडे के अनुसार प्‍याज करीब 47% महंगी हुई है।

कीमत पर कंट्रोल करने के लिए सरकार ने 30 हज़ार टन आलू बिना किसी लाइसेंस के आयात करने की परमिशन दे दी है। ये आलू भूटान से आ रहे हैं। इसके अलावा बीती रात जारी नोटिफिकेशन के अनुसार तो अब सरकार ने मामूली दस फीसदी के रियायती इंपोर्ट ड्यूटी पर 1 मिलियन टन यानी 10 लाख टन आलू के आयात को मंजूरी दी है। यह आयात 1 जनवरी 2021 से पहले होना है।

सरकार ने कहा है कि 7 हज़ार मिट्रिक तन प्याज़ तो पहले ही आयात की जा चुकी है, लेकिन महंगाई को देखते हुए दीवाली के त्योहारी सीज़न में 25000 टन और प्याज़ आयात करने का ऐलान किया है। सरकार ने 4 लाख टन तुअर यानी अरहर दाल का भी आयात कर रही है। सरकार ने रियायती दरों पर मूंग और मसूर दाल के आयात के लिे भी मंजूरी दी है।

सरकार का मानना है कि यह महंगाई सप्‍लाई में सुधार होते ही कम हो जाएगी। बाजार में वस्तुओं के दामों पर गौर करें तो गेंहूं के अलावा हर खाद्य पदार्थ के दाम बढ़े हैं। इनमें सब्जी, मांस-मछली और दालों में महंगाई दर्ज की गई है। प्याज के दाम 47 प्रतिशत बढ़े हैं, खुले बाज़ार में प्याज़ इनदिनों 80-100 रूपये किलो बिक रही है। 

उपभोक्‍ता मामलों का मंत्रालय इसके स्टाक लिमिट करने की तैयारी में हैं। वहीं इस बारे में रिजर्व बैंक का कहना है कि साल 2021 की शुरुआत में रेट्स पर कंट्रोल किया जा सकेगा। अगर पांच साल का रिकॉर्ड देखा जाए तो पिछले पांच साल में आलू करीब 16.7 किलो से बढ़कर 45 रुपए तक बिकने लगा है।  

जिस तरह सरकार ने प्याज की कीमतें बढ़ने से रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं, उम्मीद है कि आलू के लिए भी इसी तरह के प्रयास किए जाएंगे। आपको बता दें कि सरकार ने 23 अक्टूबर को प्याज पर स्टॉक लिमिट 25 टन कर है। बफर स्टॉक से बड़ा मांत्रा में प्याज की खेप राज्यों में भेजी गई है। नैफेड ने 1लाख टन प्याज बाजार में भेजना आरंभ कर दिया है। प्याज के एक्सपोर्ट पर रोक लगाई जा चुकी है। सरकार आलू के स्‍टॉक पर लिमिट तय करने की तैयारी में है। आलू के दामों पर काबू  करने के लिए आलू के आयात किया जा सकता है, जिससे कीमतों पर कंट्रोल किया जा सके।