दिल्ली। कोरोना महामारी वजह से स्कूलों में नियमित पढ़ाई नहीं हो पा रही है। बीते दो साल से छात्रों का सिलेबस अधूरा रह जाता है। बिना स्कूल लगे ही विद्यार्थियों को लंबा चौड़ा सिलेबस ऑनलाइन पढ़ना पड़ रहा है। अब इससे निपटने का तरीका NCERT ने खोज लिया है। अब सभी कक्षाओं के सिलेबस में कटौती करने का फैसला लिया है। NCERT के इस फैसले का उद्देश्य छात्रों को भारी-भरकम सिलेबस के बोझ तले दबने से बचाना है।  खबर है कि कोर्स से उन टॉपिक्स को हटाया जा सकता है, जो कमोबेश हर कक्षा में समान होते हैं। उन्हें किसी एक ही कक्षा में पूर्ण रुप से रखने पर विचार किया जा सकता है। वहीं कई विषय जो अब रिलेवेंट नहीं है उन्हें हटाया जा सकता है।

नेशनल कॉउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग द्वारा छात्रों के हित में फैसला लिया जा रहा है। अब सभी क्लास के सिलेबस में कटौती होगी। सब कुछ प्लानिंग के अनुसार होने पर इसे 2022-23 से 12वीं तक की कक्षाओं में नया सिलेबस लागू कर दिया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो NCERT वर्तमान में राष्ट्रीय पाठ्यचर्या याने (NCF) बनाने की प्रोसेस में है। NCF को किताबों में आने में कुछ और समय लग सकता है। विद्यार्थियों की पढ़ाई दिशा में सुधार के लिए NCERT लगातार कार्य कर रही है।

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NCERT के विभागाध्यक्षों से 28 दिसंबर 2021 तक रिपोर्ट मांगी गई थी। इस रिपोर्ट् में छात्रों को सीखाने के लिए कई नए तारीकों का भी सुझाव मिलने की उम्मीदें हैं। कक्षाओं के सिलेबस में कितने प्रतिशत की कटौती होगी इसके बारे में वर्तमान में कुछ नहीं कहा गया है।  NCERT से पहले  CBSE  ने कोरोना के चलते कक्षा 9 से 12 का कोर्स तर्कसंगत करने की ओर कदम बढ़ाया था कई टॉपिक्स को कोर्स से हटा दिया गया था। कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन की वजह से दिल्ली समेत कई राज्यों में स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया गया है। छात्रों को ऑनलाइन क्लासों में पढ़ाया जा रहा है। अब छात्रों की बोर्ड परीक्षाओं पर संकट मंडराने लगा है।

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 इस बीच कई राज्यों ने अब तक हुई तामाही और छमाही परीक्षाओं के नबंर्स पोर्टल्स पर अपलोड करने का काम शुरू कर दिया हैं। ताकि पिछले साल जैसी परीक्षा की स्थिति आने पर किसी तरह की दिक्कतों का सामना नहीं  करना पड़े।