नागपुर/नई दिल्ली। आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत के चीनी घुसपैठ और नागरिकता संशोधन कानून पर दिए बयानों की कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कड़ी आलोचना की है। भागवत ने विजयादशमी के अवसर पर नागपुर के आरएसएस मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में चीन की तरफ से किसी भी तरह की घुसपैठ किए जाने से साफ इनकार कर दिया। भागवत ने कहा कि सरहद पर भारत की प्रतिक्रिया के बाद चीन की बौखलाहट में काफी इज़ाफ़ा हुआ है। नागरिकता संशोधन क़ानून पर भी भागवत ने कहा कि इस कानून को लेकर भारत में मुसलमानों के बीच एक सोची समझी साजिश के तहत भय का माहौल बनाया गया, जिस वजह से देश में जगह जगह हिंसा हुई। 

भागवत को सच्चाई पता है लेकिन सच का सामना करने से डरते हैं: राहुल 
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरएसएस प्रमुख के चीन पर दिए बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मोहन भागवत सच्चाई से वाकिफ हैं, फिर भी वे सच्चाई का सामना करने से डरते हैं। सच्चाई यह है कि चीन ने हमारी ज़मीन पर कब्ज़ा किया है और ऐसा केंद्र सरकार और आरएसएस की मंज़ूरी से हुआ है।  

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हम बच्चे नहीं हैं कि कोई हमें भटका दे: ओवैसी 
लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने नागरिकता संशोधन कानून पर भागवत के बयान की तीखी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि 'हम बच्चे नहीं हैं जो कोई हमें भटका देगा। ओवैसी ने कहा कि बीजेपी और संघ ने सीएए और एनआरसी का एक साथ क्या अर्थ है इस पर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया। अगर यह मुसलमानों के बारे में नहीं है, तो कानून से धर्म के सभी संदर्भों को हटा क्यों नहीं देते? ओवैसी ने कहा कि भागवत समझ लें कि जब भी धर्म के आधार पर हमें अपनी नागरिकता साबित करने को कहा जाएगा हम इसका विरोध ज़रूर करेंगे।