नई दिल्ली। राहुल गांधी ने संसद में अपने भाषण के दौरान मोदी सरकार पर एक के बाद एक तीखे वार किए हैं। राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर देश के बुनियादी ढांचे को कमज़ोर करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि मोदी सरकार इस वक्त दो तरह का हिंदुस्तान बना रही है। उनका आरोप है कि मोदी सरकार अमीरों को सभी फायदे दे रही है जबकि गरीबों को हर चीज से वंचित रखा जा रहा है। गरीब इन चीजों को समझ रहा है और अब वह  बैठा नहीं रहेगा।

राहुल गांधी ने हमलावर अंदाज़ में आरएसएस और बीजेपी पर देश को बर्बाद करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि वे भारतीयों के बीच आपसी जुड़ाव और सद्भाव खत्म करना चाहते हैं। भाषाओं के लिंक को खत्म करना चाहते हैं। संघीय ढांचे को खत्म करना चाहते हैं। संविधान में भारत को राज्यों का संघ यानी union of states कहा गया है, लेकिन मौजूदा सरकार इस संघीय ढ़ांचे पर लगातार प्रहार कर रही है। हर राज्य की अपनी एक संस्कृति है, अपनी भाषा है। उन्हें केंद्र की छड़ी से नहीं चलाया जा सकता। उन्होंने सीधा आरोप लगाते हुए कहा है कि राज्यों की आवाज़ को दबाने के लिए न्यापालिका और चुनाव आयोग को औज़ार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। हालांकि इस वक्तव्य पर कानून मंत्री किरन रिजिजु ने कड़ी आपत्ति जतायी है।

राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण में देश के सामने चुनौतियों को छोड़ सिर्फ उपलब्धियों की बात करने पर विरोध जताया और एक एक करके उन तमाम मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश की, जो फिलवक्त में जनता के लिे दर्द बनकर उभरे हैं। उन्होंने कहा कि आज देश पचास वर्षों के कालखंड की सबसे बड़ी बेरोजगारी से जूझ रहा है। सिर्फ पिछले साल ही तीन करोड़ युवाओं ने रोज़गार खो दिया और मोदी सरकार आमलोगों को नौकरी देनेवाले लघु और मध्यम उद्योगों को बरबाद करने पर तुली है। सरकारी नौकरियां घटायी जा रही हैं। उनका आरोप है कि सरकार का ध्यान महज सौ अमीर कॉरपोरेट्स की पूंजी बढ़ाने पर है।

यूपीए की सरकार ने देश की 27 करोड़ आबादी को गरीबी रेखा से बाहर निकाला था, लेकिन मोदी सरकार की गलत नीतियों की वजह से 23 करोड़ लोग फिर से गरीबी के अँधकार में ढ़केल दिए गए हैं। राहुल गांधी ने कहा कि जब तक इस देश के असंगठित क्षेत्र को मजबूत नहीं किया जाएगा, तब तक न्यू इंडिया, मेक इन इंडिया जैसे तमाम नारों से कुछ नहीं होगा। प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार को दोनों तरह के हिन्दुस्तान को जोड़ने का काम करना चाहिए। 

राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर कटाक्ष करते हुए कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भारत की इकोनॉमी में इस वक्त डबल 'ए' वेरिएंट फैल गया है। इस डबल ए से उनका मतलब अंबानी और अडानी से था। लेकिन राहुल के मुताबिक देश का भला इनसे नहीं बल्कि छोटे छोटे काम-धंधे करनेवाले लोगों को बढ़ावा देने से होगा.. कुछ लोगों के हाथ में अधिकतम पूंजी देश की संपूर्ण व्यवस्था के लिए खतरनाक है। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति को पोर्ट्स, एयरपोर्ट्स, पावर, ट्रांसमिशन, माइनिंग, ग्रीन एनर्जी, गैस डिस्ट्रीब्यूशन सारे संसाधन सौंप दिए तो दूसरे को टेलीकॉम जैसी व्यवस्थाएं सौंप दीं, ये मोनोपोली खतरनाक है।

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपनी बात रखते हुए राहुल गांधी ने जासूसी के लिए इस्तेमाल हुए स्पाईवेयर पेगासस पर भी प्रधानमंत्री मोदी को कठघरे में खड़ा किया। राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री इजराइल गए और पेगासस लेकर आए। देश के राजनेताओं की, पत्रकारों की, जजों आदि की जासूसी करायी जा रही है। इससे देश का अपमान हो रहा है।

राहुल गांधी ने मोदी सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनकी विदेश नीति से भारत बिल्कुल अलग थलग हो गया है। सवाल पूछने के अंदाज़ में राहुल ने कहा कि क्या आपने देखा कि इस साल गणतंत्र दिवस के लिए कोई अतिथि नहीं था? क्योंकि देश पूरी तरह से अलग थलग पड़ गया है और हम विरोधी शक्तियों से घिर गए हैं। आलम यह है कि मौजूदा सरकार की नीतियों ने पाकिस्तान और चीन को एक साथ ला दिया है। हम एक देश के रूप में इस वक्त बेहद असुरक्षित पायदान पर खड़े हैं। उन्होंने आशंका जतायी कि चीन ने साज़िश कर ली है और वो भारत को घेरने की कोशिश में है। राहुल ने कहा कि उनकी बातों को आलोचना के रूप में नहीं बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक की इन हालातों में असुविधा और निस्हायता के रूप में देखें।