राजस्थान में जारी सियासी उठापटक के बीच सीबीआई ने मुख्यमंत्री के ओएसडी को एक मामले में जांच के लिए बुलाया है। यह मामला चुरू जिले के राजगढ़ के तत्कालीन थान प्रभारी विष्णु दत्त विश्नोई की आत्महत्या से जु़ड़ा है। उधर दूसरी तरफ राजस्थान सरकार ने राज्य में सीबीआई जांच की आम सहमति को हटा दिया है। मतलब अब सीबीआई राजस्थान में किसी भी मामले में बिना राज्य सरकार की अनुमति के कोई जांच नहीं कर पाएगी। बीजेपी ने ऑडियो टेप मामले में भी सीबीआई जांच की मांग कर रही है। बताया जा रहा है कि केंद्र की बीजेपी सरकार हर वो हथकंडा अपना रही है, जिससे राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार पर दबाव बनाया जा सके। कुछ दिन पहले जब यह राजनीतिक उथल-पुथल शुरू हुई थी, तब आयकर विभाग ने कांग्रेस पार्टी से जु़ड़े लोगों के यहां छापे मारे थे। 

विष्णु दत्त विश्नोई आत्महत्या मामले में चुरू से कांग्रेस विधायिका कृष्णा पूनियां का नाम सामने आया था। उनके ऊपर विश्नोई पर आत्महत्या का दबाव बनाने का आरोप है। भाजपा और बसपा ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी। वहीं कृष्णा पूनियां के जीवन के खतरे को देखते हुए राज्य सरकार ने उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है। 

विष्णु दत्त विश्नोई के पास से दो सुसाइड नोट मिले थे जिनमें से एक उन्होंने अपने माता-पिता को और दूसरा चूरू पुलिस अधीक्षक के नाम लिखा था। चूरू पुलिस अधीक्षक को लिखे सुसाइड नोट में विश्नोई ने लिखा कि वह अपने चारों ओर बनाए जा रहे दबाव को सहन नहीं कर सकते। उन्होंने लिखा कि उन्होंने राजस्थान पुलिस को अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश की, वह कायर नहीं हैं, लेकिन तनाव को सहन करने की स्थिति में नहीं हैं। उन्होंने दबाव बनाए जाने को लेकर सुसाइड नोट में किसी के नाम का उल्लेख नहीं किया।