जयपुर। राजस्थान में जारी राजनीतिक उठा पटक के बीच खबर आई है कि पायलट कैंप के कुछ बागी विधायकों ने कांग्रेस से संपर्क साधा है। कुछ विधायक पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से भी मिले हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि ये विधायक घरवापसी करना चाहते हैं।



न्यूज एजेंसी एएनआई ने अपने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। एजेंसी ने बताया है कि जिन विधायकों ने कांग्रेस पार्टी से वापस संपर्क साधा है, उनसे बिना शर्त माफी मांगने के लिए कहा गया है। उनसे कहा गया है कि माफी मांगने के बाद वे आला नेतृत्व से मिल पाएंगे और अपनी बात रख पाएंगे।





इससे पहले राजस्थान कांग्रेस विधायक दल ने अपनी एक बैठक में बागियों पर कार्रवाई करने की बात कही। विधायक दल की बात सुनने के बाद प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा कि शीर्ष नेतृत्व के सामने बागियों की कोई पैरवी नहीं की जाएगी।



दरअसल, राजस्थान में राजनीतिक संकट शुरू होने के समय से ही कांग्रेस पार्टी बागी विधायकों को अपनी बात रखने के लिए बुलाती रही है। दूसरी तरफ पायलट कैंप के विधायक पार्टी के खिलाफ बयानबाजी करते रहे हैं। इन विधायकों को जारी अयोग्यता के नोटिस मामले में सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में कांग्रेस पार्टी ने कहा था कि नोटिस विधायकों को बैठक में शामिल होकर अपनी बात रखने के लिए जारी किए गए थे।



अब जैसा की साफ है कि 14 अगस्त से राजस्थान विधानसभा का सत्र शुरू होना है और ऐसे में ये विधायक अपनी सदस्यता बचाने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी अगर विधानसभा में व्हिप जारी करती है और ये विधायक अगर उसका पालन नहीं करते हैं, तो उनकी सदस्यता रद्द हो सकती है।



बसपा विधायकों के मामले में कल सुनवाई



दूसरी तरफ बहुजन समाज पार्टी के छह विधायकों के कांग्रेस में विलय को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अब 11 अगस्त को सुनवाई करेगा। जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस कृष्णा मुरारी की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी। BJP विधायक मदन दिलावर ने राजस्थान हाईकोर्ट में इन छह विधायकों के बसपा से कांग्रेस में विलय के खिलाफ याचिका दायर करते हुए इसे असंवैधानिक बताया है। इन छह विधायकों ने उनके कांग्रेस में जाने के खिलाफ दायर याचिका को राजस्थान हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की है।