जयपुर। राजस्थान में जारी सियासी उठापठक के बीच सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को स्पीकर की तरफ से मिले अयोग्यता के नोटिस के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करते हुए राजस्थान हाई कोर्ट ने सुनवाई को अगले दिन तक के लिए टाल दिया है। अब कल सुबह दस बजे से इस मामले में सुनवाई होगी। इस मामले में सचिन पायलट की तरफ से हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी एवं विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी ने दलीलें पेश कीं।

सुनवाई के बीच राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा कि अगर हाई कोर्ट का फैसला स्पीकर के पक्ष में होता है, तो भी पार्टी विधायकों की शिकायतें सुनने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि इसके लिए विधायकों को 21 जुलाई तक का समय दिया जाएगा। वहीं विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से दलीलें पेश करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के आदेश को कुछ चुनिंदा आधार पर चुनौती दी जा सकती है लेकिन याचिका में उनका जिक्र नहीं है। उन्होंने कहा कि बागी विधायकों द्वारा स्पीकर के आदेश को चुनौती देना अपरिपक्व है और कोर्ट स्पीकर के आदेश को पलट नहीं सकता है। उन्होंने इसके लिए कैसम फैसले का उदाहरण दिया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा था कि कोर्ट अयोग्यता पर लिए गए किसी भी फैसले से पहले स्पीकर की शक्तियों में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। 

दूसरी तरफ पायलट और बागी विधायकों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि सदन के बाहर के कामों के लिए व्हिप निर्देशों का उल्लंघन दल-बदल विरोधी कानून के दायरे में नहीं आता। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का तानाशाही रवैये से काम करना एक आंतरिक मामला है और विधायकों को दिया गया अयोग्यता का नोटिस अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है और आंतरिक चर्चा रोकने का प्रयास है। उन्होंने कोर्ट से 22 जुलाई तक का समय भी मांगा। 

अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि विधायकों को भेजे गए कारण बताओ नोटिस पर रोक नहीं लगाई जा सकती। उन्होंने कहा नोटिस पर जिन विधायकों ने तथ्यात्मक सवाल उठाए हैं, उनके ऊपर फैसला लिया जाना अभी बाकी है। सिंघवी ने कहा कि हर विधायक के पास अपने-अपने तथ्य हैं, जिनके ऊपर स्पीकर एक-एक करके फैसला लेंगे। इसलिए इस दहलीज पर स्पीकर की शक्तियों पर पाबंदी नहीं लगाई जा सकती। सिंघवी ने कहा कि स्पीकर इस मामले में फैसले को 22 जुलाई तक रोके जाने के लिए तैयार हैं लेकिन इसके लिए विधायकों को कल तक स्पीकर के सामने पेश होकर अपना जवाब देना होगा। 

उनकी इस दलील पर वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि सचिन पायलट और बाकी विधायक स्पीकर के इस प्रस्ताव को पहले ही नकार चुके हैं। उन्होंने कहा कि जब स्पीकर हाई कोर्ट में विधायकों को अयोग्य साबित करने के लिए जोर शोर से दलीलें पेश करते हैं तो इससे साफ हो जाता है कि वे विधायकों को अपने सामने पेश होने को लेकर किस तरह का प्रस्ताव दे रहे हैं। साल्वे ने कहा कि इस मामले में फैसला कोर्ट ही सुनाए।