नई दिल्ली/लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कुल 105 औद्योगिक प्रशिक्षक संस्थानों की मान्यता समाप्त कर दी गई हैं। यह सभी संस्थान भारत सरकार द्वारा तय मानकों पर खरे नहीं उतर पाए। लिहाज़ा इन संस्थानों में इस सत्र में विद्यार्थी प्रवेश नहीं ले सकेंगे। जिन संस्थानों की मान्यता समाप्त हुई है उन्हें फिर से आवेदन देना होगा।
दरअसल भारत सरकार के कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय के प्रशिक्षण महानिदेशालय ने मानकों की जांच कराई थी जिसमें राज्य के कुल 105 संस्थान खरे नहीं उतर पाए। लिहाज़ा मंत्रालय ने इन सभी संस्थानों की मान्यता समाप्त कर दी। जिन संस्थानों की मान्यता समाप्त की गई है, उनमें राजधानी लखनऊ के साथ ही अयोध्या, बाराबंकी, अंबेडकर नगर के 10-10 आईटीआई शामिल हैं। ये सभी संस्थान अब 2020-21 के शैक्षणिक सत्र के लिए छात्रों का एडमिशन नहीं ले सकेंगे।
इस बारे में भारत सरकार के प्रशिक्षण महानिदेशालय ने आदेश जारी कर दिया है। आदेश में यह भी कहा गया है कि जो विद्यार्थी पहले से इनमें प्रशिक्षण ले रहे हैं, उनका प्रशिक्षण जारी रहेगा। इसे पूरा कराने की जिम्मेदारी इन आईटीआई की ही होगी। पहले से पढ़ रहे विद्यार्थियों की अटेंडेंस और हॉल टिकट आदि के लिए एनसीवीटी के एमआईएस पोर्टल पर इन आईटीआई का स्टेटस ‘एक्टिव या अफिलिएटेड’ दिखाएगा। जबकि, एनसीवीटी के एमआईएस पोर्टल पर ही ट्रेड्स का स्टेटस ‘डि-एक्टिवेटेड’ दिखेगा। इससे ये आईटीआई नए एडमिशन नहीं ले सकेंगे। आदेश में कहा गया है कि इन संस्थानों की मान्यता तीन साल यानी वर्ष 2022 तक के लिए खत्म की गई है, जिसके बाद ये मान्यता के लिए फिर से आवेदन कर सकते हैं। बशर्ते, ये संस्थान उस समय निर्धारित मान्यता के मानकों को पूरा करते हों।