नई दिल्ली। एनडीए में बीजेपी की सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक हनुमान बेनीवाल ने गृह मंत्री अमित शाह से कहा है कि अगर केंद्र ने किसानों की बात नहीं मानी और कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया तो उनकी पार्टी बीजेपी और एनडीए गठबंधन से अपना नाता तोड़ लेगी। राजस्थान की नागौर सीट से लोकसभा सांसद हनुमान बेनीवाल ने अमित शाह को यह खुली चेतावनी पत्र लिखकर दी है। हनुमान बेनीवाल ने अमित शाह से जल्द से जल्द आंदोलन कर रहे किसानों की मांगें मांगने को कहा है।  

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हनुमान बेनीवाल ने अमित शाह के नाम अपने पत्र में लिखा है कि किसान भीषण सर्दी और कोरोना काल में भी कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। बेनीवाल ने कहा कि किसानों की ऐसी हालत नहीं होनी चाहिए। बेनीवाल ने लिखा है, 'आपसे अनुरोध है कि तत्काल इन कानूनों को वापस लेने हेतु कार्यवाही करें। चूंकि देश का भीषण सर्दी और कोरोना काल में देश का अन्नदाता आंदोलन कर रहा है, जो कि शासन के लिए शासन के लिए शोभनीय नहीं है।'

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बेनीवाल ने अपने पत्र में आगे कहा कि केंद्र सरकार को दिल्ली में किसानों की मंशा के अनुरूप उचित स्थान दिया जाना चाहिए। बनेनीवाल ने स्वामीनाथन आयोग की संपूर्ण सिफारिशों को लागू करने की भी मांग की है। बेनीवाल ने कहा है कि अगर सरकार ने किसानों के हित में त्वरित कोई निर्णय नहीं लिया तो उनकी पार्टी जल्द ही एनडीए गठबंधन में रहने को लेकर विचार करेगी। बेनीवाल ने कहा कि किसान और जवान ही उनकी पार्टी के ताकत हैं।  

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बता दें कि आरएलपी से पहले अकाली दल भी बीजेपी से अपना नाता तोड़ चुकी है। मोदी कैबिनेट में मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने भी कृषि विधेयकों को लेकर मोदी कैबिनेट से अपना इस्तीफा दे दिया था। हालांकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मुद्दे पर खुलकप बीजेपी का साथ दे रहे हैं। नीतीश दावा कर रहे हैं कि किसान ग़लतफ़हमी के कारण कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं।