किसानों से बिना शर्त बात करेगी सरकार, अमित शाह ने किसान नेता से कहा

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहले कहा कि अगर किसान बुराड़ी के मैदान में प्रदर्शन करें तो उनसे अगले ही दिन बात की जाएगी, किसानों ने बातचीत के लिए ऐसी कोई भी शर्त मानने से इनकार कर दिया था

Updated: Nov 30, 2020, 09:53 PM IST

Photo Courtesy: Live Hindustan
Photo Courtesy: Live Hindustan

नई दिल्ली। मोदी सरकार आखिरकार नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों से बिना किसी शर्त के बातचीत करने को तैयार हो गई है। खबर है कि सरकार की तरफ से यह बात केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष बूटा सिंह से कही है। इससे पहले अमित शाह ने किसानों से कहा था कि अगर वे बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड में जाकर प्रदर्शन करें, तो सरकरा उनसे अगले ही दिन बातचीत करेगी। लेकिन किसानों ने सरकार से बातचीत के लिए ऐसी किसी भी शर्त को मानने से इनकार कर दिया था।   

यह भी पढ़ें : Digvijaya Singh: झूठ बोलकर गुमराह करना बंद करें मोदी, मन की बात के किस्से पर कांग्रेस का पलटवार

अब भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष बूटा सिंह का कहना है कि खुद गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें फोन करके इस बात की जानकारी दी है। बूटा सिंह की मानें तो आज शाम तक आधिकारिक तौर पर बातचीत का न्यौता भी किसानों को मिल सकता है।  
   
यह भी पढ़ें : राहुल गांधी: कृषि कानूनों को सही बताने वाले लोग क्या ख़ाक किसानों के पक्ष में हल निकालेंगे

इससे पहले रविवार रात को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह, अमित शाह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की मौजूदगी में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई थी। बैठक में किसान नेताओं से नए सिरे से बातचीत शुरू करने की योजना बनाने का निर्णय लिया गया था। जिसके बाद सरकार ने किसान नेताओं से बातचीत करने की पहल की है।  

यह भी पढ़ें : किसानों ने खारिज किया अमित शाह का प्रस्ताव, बातचीत के लिए नहीं जाएंगे बुराड़ी

बता दें कि इससे पहले शनिवार शाम को भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किसानों को बातचीत करने का आश्वासन दिया था। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि बातचीत से पहले किसानों को अपना आंदोलन दिल्ली के बुराड़ी स्थित निरंकारी मैदान में शिफ्ट करना होगा। किसानों ने अमित शाह की इस शर्त को सिरे से खारिज कर दिया था। किसान संगठनों का कहना था कि अगर सरकार वाकई बातचीत करना चाहती है तो इसके लिए किसी तरह की शर्त नहीं लगानी चाहिए। किसानों ने यह भी कहा था कि सरकार को खुद किसानों के पास आकर बात करनी होगी।