नई दिल्ली। सदन के मॉनसून सत्र के दौरान गुरुवार को राज्यसभा में हाई वॉल्टेज ड्रामा देखने को मिला है। संसद के दोनों सदनों में आज विपक्ष ने जासूसी कांड, कृषि कानूनों और मीडिया के खिलाफ करवाई को लेकर जमकर हंगामा किया। विपक्ष के हंगामे के बीच दोनों सदनों की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी। हालांकि, इस दौरान कुछ ऐसा हुआ कि राज्यसभा के भीतर बीजेपी और टीएमसी के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई। मामला हाथापाई तक पहुंचता कि वहां मौजूद मार्शलों ने स्थिति को नियंत्रित किया।

दरअसल, दोपहर दो बजे के बाद सदन की कार्यवाही शुरू होते ही राज्यसभा में विपक्ष ने पेगासस स्पाईवेयर के माध्यम से की जा रही जासूसी को लेकर आक्रोश व्यक्त किया। विपक्षी दलों के सदस्य इस मामले पर जमकर नारेबाजी कर रहे थे। इसी बीच उपसभापति हरिवंश ने केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव का नाम बयान देने के लिए पुकारा।

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पेगासस को लेकर सदन में गर्म माहौल के बीच मंत्री वैष्णव जैसे ही स्पष्टीकरण देने के लिए खड़े हुए, वहां टीएमसी सांसद शांतनु सेन पहुंच गए। जासूसी कांड को लेकर गुस्साए टीएमसी सांसद ने सदन में ही मंत्री के हाथ से उनका लिखा हुआ बयान वाला पेपर छीनकर फाड़ दिया। इतना ही नहीं फाड़ने के बाद उन्होंने कागज को सभापति की कुर्सी की ओर उछाल दिया।

टीएमसी सांसद के इस रवैये से भड़के केंद्रीय मंत्री भी आक्रामक हो गए और एक पल के लिए लगा कि हाथापाई की नौबत आ गई। हालांकि, वहां मौजूद मार्शलों ने तत्काल स्थिति को नियंत्रित किया और टीएमसी सांसद को वहां से हटाया। इसके बाद शांतनु सेन की बीजेपी सांसद हरदीप सिंह पूरी से गर्मागर्म बहस हुई। हंगामे की वजह से प्रश्नकाल और शून्यकाल भी नहीं चल सके। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उपसभापति ने सदन की कार्यवाही को शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया। हंगामे की वजह से प्रश्नकाल और शून्यकाल भी नहीं चल सके।

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उधर लोकसभा में भी आज का दिन काफी हंगामेदार रहा। यहां विवादास्पद कृषि कानूनों को लेकर विपक्ष ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान लोकसभा स्पीकर ओभ बिरला ने विपक्ष के हंगामे को अनुचित करार देते हुए कहा कि विपक्ष की ज़िम्मेदारी है कि वे संसद की मर्यादा बनाए रखें। जनता ने हमें यहां हंगामा करने और तख्तियां दिखाने के लिए नहीं भेजा है।