पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में पहले चरण के मतदान के बाद कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने दावा किया है कि 10 नवंबर को प्रदेश में महागठबंधन की सरकार बनने वाली है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि एलजेपी और बीजेपी के खेल को बिहार का बच्चा-बच्चा समझता है, ऐसे में प्रदेश में बदलाव और एनडीए की विदाई तय है।

बिहार चुनाव को लेकर प्रदेश में मचे सियासी घमासान के बीच कांग्रेस के युवा तुर्क और राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम पायलट गुरुवार को बिहार की राजधानी पटना पहुंचे। इस दौरान उन्होंने सबसे पहले पत्रकारों को संबोधित किया। पत्रकार वार्ता के दौरान पायलट ने कहा कि, 'बिहार के सीएम नीतीश कुमार के कथित सुशासन की कलई पूरी तरह से खुल चुकी है। कोरोना काल में प्रवासी मजदूरों को पूरी तरह उन्हें अपने हाल पर छोड़ दिया था। कोटा में जो बच्चे फंसे हुए थे उन्हें तक लाने से मना कर दिया। अपनों का साथ छोड़ देना उनका पुराना स्वभाव रहा है। जनता अब इसका जवाब देगी।'

फ्री वैक्सीन का घोषणा बीजेपी का मानसिक दिवालियापन

पायलट ने बीजेपी के चुनावी घोषणापत्र को टारगेट करते हुए कहा, 'मुझे आश्चर्य होता है कि बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में फ्री कोरोना वैक्सीन बांटने की बात कही है। यह बीजेपी का मानसिक दिवालियापन का प्रतीक है।' उन्होंने आगे कहा कि धर्म के नाम पर लोगों को बांटना बीजेपी का मंसूबा है लेकिन बिहार में उनका मकसद पूरा नहीं होने दिया जाएगा। यहां एकबार फिर से बीजेपी का रास्ता रोक दिया जाएगा।

महागठबंधन तय कर रही है चुनाव का एजेंडा

पायलट ने इस दौरान कहा कि, 'इस बार बिहार चुनाव का एजेंडा कांग्रेस-आरजेडी तय कर रही है। इस कारण मजबूरन बीजेपी-जेडीयू को जवाब देना पड़ रहा है। जब महागठबंधन ने कहा कि हम 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देंगे तब नीतीश ने मजाक बनाया लेकिन अब बीजेपी खुद 19 लाख नौकरी देने की बात कहते फिर रही है।' पायलट ने आगे कहा कि लालूजी के परिवार को लेकर जिस प्रकार की भाषा का उपयोग हो रहा है वह बीजेपी का बौखलाहट दिखाता है।

कभी आरजेडी, कभी एलजेपी, कभी बीजेपी के हुए नीतीश

कांग्रेस नेता इस दौरान सीएम नीतीश कुमार पर खासे हमलावर दिखे। उन्होंने कहा, 'नीतीश कभी आरजेडी के साथ तो कभी एलजेपी के साथ तो कभी बीजेपी के साथ चले जाते हैं। कुर्सी के लिए जोड़-तोड़ में लगे रहना ही उनकी परिपाटी बन चुकी है। महागठबंधन के चुनावी अभियान में युवाओं का जिस प्रकार से समर्थन देखने को मिल रहा है इससे निश्चित है कि इस बार नीतीश को कुर्सी छोड़नी पड़ेगी।'

बता दें कि सचिन पायलट युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय नेता माने जाते हैं, इसी वजह से कांग्रेस ने विशेष रणनीति के तहत उन्हें बिहार चुनाव में प्रचार करने के लिए भेजा है। इसके पहले वह मध्यप्रदेश उपचुनाव के लिए जनसभाएं कर रहे थे।