नई दिल्ली। देश के नामी शैक्षणिक संस्थाओं में शुमार दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्री राम कॉलेज की होनहार छात्रा ऐश्वर्या ने पैसों की तंगी के चलते पढ़ाई न कर पाने की वजह से खुदकुशी कर ली। ऐश्वर्या की आत्महत्या ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। उसने ने आत्महत्या के पहले जो सुसाइड नोट छोड़ा है उसमें उसकी बेबसी सामने आई है। सुसाइड नोट देखने से ऐसा लगता है कि छात्रा हर हाल में पढ़ाई कटना चाहती थी लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से जब उसके सपने चूर होने लगे तब उसने आत्महत्या कर लिया।

सबसे दुखद बात ये है कि 12वीं की परीक्षा में 98.5 फीसदी नंबर हासिल करने वाली ऐश्वर्या को प्रतिभाशाली छात्राओं को दी जाने वाली स्कॉलरशिप अगर वक्त पर मिली होती तो ऐसी नौबत ही नहीं आती। इंस्पायर योजना के तहत मिलने वाली इस स्कॉलरशिप में उसे मार्च में ही 1 लाख 20 हज़ार रुपये की स्‍कॉलरशिप मिलनी चाहिए थी, जो अब तक नहीं मिल सकी।  

रिपोर्ट्स के मुताबिक मैथ ऑनर्स की सेकंड ईयर की स्‍टूडेंट ऐश्वर्या फरवरी में स्‍कूल-कॉलेज बंद किए जाने के बाद घर तेलंगाना लौट गई थी। अक्‍टूबर माह में उसने अपने पिता से यह कहते हुए लैपटॉप का इंतजाम करने का आग्रह किया था और बताया था कि मोबाइल फोन में ऑनलाइन क्‍लास अटेंड करना बहुत मुश्किलभरा हो रहा है। पिता जी श्रीनिवास ने इस पर बेटी से कुछ दिन इंतजार करने को कहा था। इसके बाद ऐश्‍वर्या ने इस बारे फिर कभी बात नहीं की। इसके बाद उसे कॉलेज से हॉस्टल खाली करने का नोटिस भी मिल गया। ऐश्वर्या को पता था कि बिना हॉस्टल के दिल्ली में रहकर पढ़ाई करने का खर्च उठाना उसके माता-पिता के बस में नहीं है। इन तमाम दिक्कतों ने उसे इतना निराश किया कि उसने खुदकुशी जैसा कदम उठा लिया।

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ऐश्वर्या ने तेलुगू भाषा में लिखे अपने डेथनोट में कहा है कि, 'मेरे कारण परिवार को बहुत खर्च उठाने पड़ रहे हैं। मैं उनपर बोझ हूं, मेरी पढ़ाई बोझ बन गई है। मैं अपने परिवार पर बोझ बनना नहीं चाहती हूं। मैं पढ़ाई के बिना जिंदा नहीं रह सकती। मौत ही मेरे लिए अब एक आखिरी रास्ता बच गया है। मम्मी पापा मुझे माफ़ करें, मैं एक अच्छी बेटी नहीं बन पाई।' ऐश्वर्या ने अपनी स्कॉलरशिप को लेकर इस नोट में लिखा है कि कृपया यह सुनिश्चित करें कि कम से कम इंस्पायर स्कॉलरशिप एक साल के लिए दी जाए।

देश की होनहार छात्रा द्वारा आर्थिक तंगी की वजह से आत्महत्या मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुस्सा जाहिर किया है। उन्होंने कहा है कि जानबूझकर की गई नोटबंदी और देशबंदी से बीजेपी सरकार ने अनगिनत घर उजाड़ दिए हैं। यही सच्चाई है।' राहुल ने छात्रा के परिजनों के प्रति संवेदनाएं भी जताई है। मामले पर भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन एनएसयूआई और एआईएसएफ ने भी रोष व्यक्त किया है।एनएसयूआई ने बयान जारी कर कहा है कि छात्रा को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय से फेलोशिप मिलनी थी जिसमें देरी की वजह से उसे आत्महत्या करने पर मजबूर होना पड़ा। एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल के खिलाफ आज प्रदर्शन भी किया, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

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सोनू सूद से भी मांगी थी मदद

मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि आत्महत्या के पहले छात्रा ने बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद से भी मदद मांगी थी। छात्रा ने अभिनेता को पत्र लिखकर बताया था कि लैपटॉप नहीं होने के कारण वह ऑनलाइन क्लासेज नहीं कर पा रही है साथ ही प्रैक्टिकल भी नहीं हो पा रहे हैं। 

कपड़े सिलाई करती हैं ऐश्वर्या की मां

बताया जा रहा है कि मृतक छात्रा के पिता श्रीनिवास रेड्डी मैकेनिक हैं वहीं मां कपड़े सिलती है। लॉकडाउन के दौरान उन्हें काम नहीं मिल पाया था जिसके वजह से वह ऐश्वर्या के लिए पुरानी लैपटॉप भी नहीं खरीद सकते थे। ऐश्वर्या की छोटी बहन वैष्णवी ने स्कूल के बाद कि पढ़ाई छोड़ दी थी ताकि उसकी बड़ी बहन पढ़ाई कर सके। यहां तक कि ऐश्वर्या के एडमिशन के दौरान उसके परिजनों ने अपना बेडरूम का घर तक गिरवी रख दिया था।

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ऐश्वर्या की मां सुमथि रेड्डी कहती हैं की उन्हें इस बात का अहसास नहीं था कि बेटी चुपचाप दुनिया ही छोड़कर चली जाएगी। उन्होंने मीडिया को बताया है कि, 'हमारी आर्थिक स्थिति के कारण वह मानसिक तनाव से गुजर रही थी। उसे अपनी पढ़ाई के लिए दिल्‍ली जाना था, उसके सभी दोस्तों ने जाना शुरू कर दिया था। हम लोन लेने की कोशिश कर रहे थे लेकिन पैसे का इंतजाम नहीं कर सके। ऐसे में वह डिप्रेशन में आ गई। वह सिविल सर्विसेस के एक्‍जाम में बैठना चाहती थी लेकिन उसे चिंता सता रही थी कि हम उसकी पढ़ाई का खर्च वहन नहीं कर पाएंगे।