नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट भाजपा के पूर्व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी को 6 सप्ताह के भीतर सरकारी बंगला खाली करने का आदेश दिया है। स्वामी को जनवरी 2016 में यह सरकारी बंगला अलॉट हुआ था। लेकिन अप्रैल 2022 में राज्य सभा का कार्यकाल खत्म होने के बाद स्वामी ने अपनी सुरक्षा को खतरे का हवाला देकर फिर से बंगला आवंटित करने की मांग की थी।

केंद्र सरकार ने सुब्रमण्यम स्वामी को आवंटित आवास की अवधि बढ़ाने से साफ इनकार कर दिया। सुब्रमण्यम स्वामी ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आवंटन की अवधि बढ़ाने की मांग की। हालांकि, कोर्ट में भी केंद्र की ओर से उनकी याचिका का विरोध किया गया।

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केंद्र सरकार की तरफ से कोर्ट में पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने कहा कि स्वामी की Z श्रेणी की सुरक्षा बरकरार रहेगी, लेकिन उनको सरकारी आवास दोबारा आवंटित नहीं किया जा सकता है। चूंकि, सुरक्षा समितियों की नीति और दिशा-निर्देश सरकार को उनको रिहायशी आवास प्रदान करने के लिए भी बाध्य नहीं करते हैं।

इस दौरान सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने हाई कोर्ट से कहा कि स्वामी का दिल्ली में एक घर है, जहां वह शिफ्ट हो सकते हैं। ऐसे में सुरक्षा एजेंसियां ​​वहां उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाएंगी। वहीं, स्वामी की ओर से सीनियर एडवोकेट जयंत मेहता पेश हुए। उन्होंने कोर्ट में कहा कि सुरक्षा खतरे को ध्यान में रखते हुए पूर्व सांसद के साथ हर समय सुरक्षा के नजरिए से घर की जरूरत है।