मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अब निर्वाचन आयोग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। चुनाव चिन्ह छीने जाने के मामले में शिवसेना नेता ने चुनाव आयोग को भंग किए जाने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने चुनाव के ज़रिए निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति की जाने की भी मांग की है। 

पूर्व सीएम ने कहा है कि निर्वाचन आयोग के अधिकार क्षेत्र में यही है कि वो पार्टी के नाम और चिन्ह पर ही निर्णय दे सकता है। इसके परे उसके पास पार्टी के फंड और संपत्ति से संबंधित निर्णय लेने का अधिकार नहीं है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि देश में अगर ऐसे ही चलता रहा तो 2024 का चुनाव देश का अंतिम लोकसभा चुनाव साबित हो सकता है और इसके बाद देश भर में अराजकता शुरू हो जाएगी। 

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सोमवार को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने विधानसभा में पार्टी के कार्यालय पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया। पार्टी के विधायक संजय सिरसात ने कहा कि आगामी बजट सत्र में पार्टी के सभी 56 विधायकों को व्हिप का पालन करना होगा अन्यथा उन्हें सदन की सदस्यता गंवानी पड़ सकती है। 

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आज ही उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने चुनाव आयोग के फैसले के विरोध में सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है। हालांकि सीजेआई चंद्रचूड़ ने अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी को कल यानी मंगलवार को कोर्ट आने के लिए कहा है। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना जल्द से जल्द इस मामले की सुनवाई की मांग कर रही है।