प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सात लोक कल्याण मार्ग पर केंद्रीय कैबिनेट की बैठक चल रही है। बताया जा रहा है कि इस बैठक में कारोबारियों और कर्मचारियों के लिए ईपीएफ से जुड़ा कोई फैसला लिया जा सकता है। इसके साथ ही कृषि के लिए आवंटित किए जाने वाले एक लाख करोड़ रुपये के फंड पर भी केंद्रीय कैबिनेट अपनी मुहर लगा सकता है। वहीं गरीब कल्याण अन्न योजना को भी नवंबर तक जारी रखने को मंजूरी मिल सकती है।

इपीएफ की अगर बात करें तो केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के दौरान लोगों को इस फंड से पैसा निकालने की अनुमति दी थी ताकि उन्हें कैश की दिक्कत ना हो। इस अनुमति के तहत पीएफ फंड में से 75 फीसदी या बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का तीन गुना दोनों में से जो भी कम हो, एक कर्मचारी निकाल सकता था। एक जुलाई से यह सेवा बंद हो गई है।

वहीं अगर गरीब कल्याण अन्न योजना की अगर बात करें तो केंद्र सरकार का दावा है कि वो इस योजना के तहत 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज दे रही है। लॉकडाउन के बाद सरकार यह योजना लेकर आई थी। यह योजना जून में खत्म हो गई। बाद में प्रधानमंत्री ने खुद घोषणा करके इसे नवंबर तक बढ़ाए जाने की जानकारी दी।

इस योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी को हर महीने पांच किलो गेंहू या चावल और प्रत्येक लाभार्थी परिवार को हर महीने एक किलो चना मुफ्त दिया जाना है।