लखनऊ। नियम कायदे आम आदमी के पालन करने के लिए बने हैं, नेता उन्हें जब चाहे तोड़ सकते हैं। यह बात उत्तर प्रदेश में पूरी तरह से लागू होती है। वाराणसी के विधायक और योगी सरकार के राज्यमंत्री नीलकंण तिवारी को बचाने के लिए पुलिस महकमा जुट गया है। बिना हेलमेट के स्कूटर चलाते देखने के बाद भी वाराणसी पुलिस ने मंत्री पर कोई एक्शन नहीं लिया। और तो और पुलिस मंत्री जी को बिना हेलमेट के पहचानने से भी इनकार कर रही है। अब यूपी की एक सोशल एक्टिविस्ट ने इस मामले की शिकायत प्रदेश के डीजीपी से की है।

 एक तरफ ट्रैफिक नियमों का पालन करवाने के लिए अभियान चला रही है, वहीं खुद मंत्री नियमों का उल्लंघन करते दिखाई दे रहे हैं। यूपी के पर्यटन, संस्कृति, धर्मार्थ कार्य और प्रोटोकॉल राज्यमंत्री की जिम्मेदारी निभाने वाले नीलकंण तिवारी ट्रैफिक नियमों की अनदेखी करते नजर आए। उन्होंने 7 दिसंबर को एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए स्कूटर की सवारी की।

  उनका फोटो वायरल होने के बाद भी ना उन पर कोई जुर्माना लगाया गया ना कोई अन्य कार्रवाई की गई। हद तो तब हो गई जब  मंत्री नीलकंठ तिवारी को उत्तर प्रदेश की पुलिस ने पहचानने से इनकार कर दिया है। बिना हेलमेट साफ तस्वीर के बाद भी पुलिस मंत्री जी को पहचान नहीं पा रही है। इस बात का खुलासा सोशल एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर ने किया है। नूतन ठाकुर ने इस मामले की शिकायत डीजीपी से की है। सामाजिक कार्यकर्ता नूतन का आरोप है कि उत्तर प्रदेश पुलिस मंत्री का बचाव कर ने के लिए गलतबयानी करने पर तुली है।

दरअसल राज्यमंत्री नीलकंठ तिवारी वाराणसी में इंटरलॉकिंग कार्य का शिलान्यास करने आए थे। उस दौरान उन्होंने खुद स्कूटी चलाई, इस दौरान उन्होंने हेलमेट नहीं लगाया था। गौरतलब है कि नीलकंठ तिवारी वाराणसी की दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। जहां बिना हेलमेट गाड़ी चलाने पर लोगों से फाइन वसूला जाता है, वहीं नेता जी को पुलिस पहचानने से इनकार कर रही है।