लखनऊ। 9 नवम्बर को उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों पर चुनाव होने हैं । इससे पहले बहुजन समाज पार्टी के इकलौते उम्मीदवार रामजी गौतम के दस में से पांच प्रस्तावकों ने अपना प्रस्ताव वापस ले लिया है। जिस वजह से बीएसपी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। खबर ये भी आ रही है कि प्रस्ताव वापस लेने वाले सभी प्रस्तावकों ने ये कदम उठाने से पहसे समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से बंद कमरे में मुलाकात की थी। ज़ाहिर है इन हालात में बीएसपी में हुई इस बगावत के पीछे समाजवादी पार्टी का समर्थन माना जा रहा है। 

बहुजन समाज पार्टी के प्रस्ताव वापस लेने वाले विधायकों के नाम हैं - असलम चौधरी, असलम राईनी, मुज्तबा सिद्दिकी, हाकम लाल बिंद और गोविंद जाटव। गौरतलब है कि असलम चौधरी की पत्नी ने मंगलवार को ही समाजवादी पार्टी की सदस्यता ली थी। बताया जा रहा है कि विधायकों और अखिलेश यादव के बीच काफी देर तक बंद कमरे में बातचीत हुई। मुलाकात करके बाहर आए विधायक सीधे विधानसभा पहुंचे और प्रस्तावक के तौर पर अपना प्रस्ताव वापस ले लिया।

यूपी में कुल दस राज्यसभा सीटों पर 9 नवंबर को मतदान होना है। इनके नतीजे 11 नवम्बर को आएंगे। यह सभी सीटें 25 नवम्बर को खाली होने जा रही हैं। इन सीटों पर बीजेपी के आठ और समाजवादी पार्टी और बसपा के एक-एक उम्मीदवार खड़े हो रहे हैं। जबकि एक निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में है। 

बीजेपी 9 सीटें जीत सकती थी, लेकिन उसके आठ ही प्रत्याशी उतारने के बाद चर्चा हो रही थी कि बीजेपी मायावती की पार्टी को अंदर ही अंदर सपॉर्ट कर रही है और इसलिए अपना 9वां प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारा है। ऐसे में बीएसपी के रामजी गौतम की जीत पक्की मानी जा रही थी। पार्टी ने भी अपने प्रत्याशी रामजी गौतम की जीत का गणित ठीक होने का दावा किया था लेकिन अब समीकरण बिगड़ता नजर आ रहा है।

यूपी विधानसभा में इस समय कुल 395 विधायक हैं। आठ सीटें सदन में अभी रिक्त हैं। बीजेपी के पास 306, सपा के पास 47, बसपा के पास 18 और कांग्रेस के पास सात विधायक हैं। बाकी विधायक अन्य दलों से हैं।