लखनऊ। उत्तरप्रदेश में सरकारी दफ़्तरों में दलित शोषण रोकने और दलितों को मुख्यधारा में शामिल करने के लिए कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग ने डॉ बाबा साहब अंबेडकर कर्मचारी फेडरेशन का गठन किया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और उत्तरप्रदेश के एससी आयोग के प्रभारी प्रदीप नरवाल की सहमति से फेडरेशन का गठन किया गया है। 

दलित कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष आलोक प्रसाद ने फेडरेशन की उच्चस्तरीय कमेटी में रिटायर्ड आईएएस देवी दयाल को चेयरमैन तथा रिटायर्ड आईएएस ओमप्रकाश को वाइस चेयरमैन बनाया गया है। पूर्व कुलपति रामनारायण चौधरी, डॉ दिवाकर बशाक व ड़ॉ अमरनाथ पासवान को कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया गया है।

उत्तरप्रदेश दलित कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष आलोक प्रसाद ने बताया कि यह उच्चस्तरीय कमेटी सरकारी संस्थानों में हो रहे दलित शोषण के खिलाफ आवाज उठाएगी। समिति दलित समाज के अधिकारियों व कर्मचारियों के बीच कांग्रेस पार्टी की विचारधारा को शक्ति देने का कार्य करेगी।

इस फेडरेशन का गठन BAMSEF (वैकवर्ड एंड माइनॉरिटी कम्यूनिटीज एम्पलॉय फेडरेशन) की तर्ज पर किया गया है। बामसेफ की स्थापना 1973 में कांशीराम और डी.के खरपडे ने की थी। यह अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़े व अल्पसंख्यक कर्मचारियों का अखिल भारतीय संगठन था। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य दलितों, अल्पसंख्यकों व पिछड़ों को एकजुट कर, अत्याचारों का प्रतिरोध करने तथा उन्हें समाज में न्यायोचित स्थान बनाने के लिए जोरदाऱ ढंग से प्रेरित करना था। आजकल यह संगठन मूलनिवासी बहुजन संघ के नाम से जाना जाता है।

गौरतलब है कि उत्तरप्रदेश में प्रियंका गांधी के प्रभारी बनने के बाद से कांग्रेस उत्तरप्रदेश में लगातार सक्रिय है। कांग्रेस की पिछली हार से सबक लेते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी जातिगत समीकरणों के हिसाब से रणनीति बना रही है। कांग्रेस उत्तर प्रदेश में बढ़ते अपराधों और दलितों के साथ अत्याचारों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ और उनकी सरकार को घेर रही है।