मुंबई। यस बैंक ने एक बड़ा कदम उठाते हुए 2,852 करोड़ रुपये का कर्ज ना चुकाने पर अनिल अंबानी समूह के मुंबई के सांताक्रूज मुख्यालय को अपने कब्जे में ले लिया है। बैंक ने रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के दक्षिण मुंबई में स्थित दो फ्लैट भी अपने कब्जे में ले लिए। इस संबंध में बैंक ने 29 जुलाई को अखबार में नोटिस भी दिया। अनिल अंबानी समूह की वित्तीय हालत काफी खराब हो गई है। कई कंपनियां दिवालियां हो गई हैं और कई को अपनी हिस्सेदारी बेचनी पड़ी है। लगभग सभी कंपनियां सांताक्रूज ऑफिस के रिलायंस सेंटर से चल रही हैं।

इकॉनोमिक टाइम्स के मुताबिक पिछले दो दशकों में अनिल अंबानी समूह ने बहुत सारे व्यवसायों में हाथ आजमाया, लेकिन समूह को फायदा नहीं हुआ। इसके उलट समूह पर कर्ज बढ़ता गया। इससे पहले छह मई को यस बैंक ने रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर को 2,892.44 करोड़ रुपये कर्ज चुकाने का नोटिस दिया था। नोटिस के साठ दिन के बाद भी समूह ने कर्ज नहीं चुकाया तो 22 जुलाई को यस बैंक ने तीनों संपत्तियों पर कब्जा कर लिया। बैंक ने अपने नोटिस में आम जनता को आगाह किया वह इन संपत्तियों को लेकर कोई लेन देन ना करे।

यस बैंक खुद इस साल मार्च में अपने एनपीए की वजह से संकट में पड़ गया था। बैंक के एनपीए का बड़ा हिस्सा अनिल अंबानी समूह को दिए गए कर्ज के कारण था। बैंक के संकट में पड़ने के बाद भारतीय स्टेट बैंक की अगुआई वाले बैंकों के गठजोड़ ने यस बैंक में 10 हजार करोड़ की पूंजी डालकर उसे संकट से निकाला था। दूसरी तरफ सरकार और रिजर्व बैंक ने यस बैंक के निदेशक मंडल को भंग कर एक नए सीईओ और निदेशक मंडल की नियुक्ति की थी।