उत्तर प्रदेश में आगरा कोरोना वायरस का बड़ा केंद्र बना हुआ है. इस बीच महामारी के आगरा शहर में भयानक रूप लेने की चेतावनी जारी करते हुए शहर के मेयर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा लिखा है. मेयर नवीन जैन ने मुख्यमंत्री से तुरंत कदम उठाने की अपील करते हुए कहा है कि शहर देश का वुहान बन सकता है.

मेयर नवीन जैन ने अपने पत्र में शहर में कोरोना के मामले बढ़ने का दावा करते हुए जिला प्रशासन की लचर कार्रवाई से भी मुख्यमंत्री को अवगत कराया है.

शहर में प्रशासनिक अव्यवस्था का नजारा सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में भी दिखा. वीडियो में दिखा कि पीपीई किट पहने एक व्यक्ति गेट की एक तरफ से पानी की बोतलें और खाने के पैकेट फेंक रहा और दूसरी तरफ दर्जनों लोगों की भीड़ गेट के बीच से हाथ निकालकर सामान को पकड़ने की कोशिश कर रही है.

आगरा के मेयर का पत्र भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. उन्होंने अपने पत्र में लिखा, “मैं बहुत दुखी मन से आपको पत्र लिख रहा हूं कि मेरा आगरा अत्यधिक संकट के दौर से गुजर रहा है. आगरा को बचाने के लिए कड़े निर्णय लेने की आवश्यकता है. स्थिति अत्यधिक गंभीर हो चुकी है. इसलिए मैं आपसे हाथ जोड़कर प्रार्थना करता हूं कि मेरे आगरा को बचा लीजिए.”

उन्होंने अपने पत्र में आगे लिखा, “आगरा, देश का वुहान बन सकता है. स्थानीय प्रशासन नाकारा साबित हुआ है. हॉटस्पॉट सेंटर में बनाए गए क्वारंटीन सेंटरों में कई-कई दिनों तक जांच नहीं हो पा रही है. ना ही मरीजों के लिए भोजन-पानी का उचित प्रबंध हो पा रहा है. स्थिति विस्फोटक है.”

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इस पत्र में मेयर ने शहर के बिगड़ते हालात और आम लोगों को हो रही परेशानी के लिए सीधे-सीधे जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को जिम्मेदार ठहराया है. आगरा के मेयर ने यह पत्र 21 अप्रैल को लिखा था. लेकिन उसके बाद केंद्र और राज्य सरकारें कोरोना के खिलाफ लड़ाई में ‘आगरा मॉडल’ की तारीफ कर चुकी हैं.

25 अप्रैल को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आगरा मॉडल की तारीफ की थी. आगरा को रोल मॉडल बताते हुए पुलिस-प्रशासन की रणनीति को प्रजेंटेंशन के माध्यम से प्रस्तुत किया गया था.

लेकिन अब आगरा के मेयर का पत्र का सामने आने के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या शहर सच में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में रोल मॉडल है.