उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सरकारों ने दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को वापस लाने की घोषणा की है. वहीं छत्तीसगढ़ सरकार ने भी ऐसा कदम उठाने के लिए स्वीकृति लेने की बात कही है. हालांकि, 19 अप्रैल को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी नए दिशा-निर्देशों के तहत मजदूर कामकाज के लिए एक राज्य के भीतर तो इधर से उधर जा सकते हैं लेकिन उन्हें एक राज्य से दूसरे में जाने की मनाही है.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों के साथ बैठक करके चरणबद्ध तरीके से मजदूरों को वापस लाने के लिए योजना बनाने का आदेश दिया है. इन मजदूरों को चौदह दिन के क्वारंटीन पीरियड खत्म होने के बाद लाया जाएगा. बाद में इन मजदूरों को जिलों में बनाए गए शेल्टर में 14 और दिनों के लिए रखा जाएगा और फिर राशन के साथ घर भेजा जाएगा.

वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि उन्होंने राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से बात की है और जल्द ही मजदूरों को वापस लाया जाएगा.

उन्होंने यह भी बताया कि मध्य प्रदेश में फंसे दूसरे राज्यों के मजदूरों को अपने राज्य जाने की इजाजत होगी. हलांकि, कंटेनमेंट इलाकों और वायरस से बुरी तरह प्रभावित जिलों जैसे इंदौर में फंसे मजदूरों को यात्रा करने की इजाजत नहीं होगी.

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि उन्होंने भी देशभर में फंसे मजदूरों को वापस लाने के लिए अनुमति मांगी है. अनुमति मिलते ही मजदूरों को वापस लाया जाएगा.

इन मुख्यमंत्रियों द्वारा की गई घोषणाओं के संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के तहत मजदूर एक राज्य से दूसरे राज्य नहीं जा सकते.