कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था, लगातार बढ़ते पेट्रोल डीज़ल के दाम, कोरोना ने निपटने में सरकार की नाकामयाबी तथा चीन के मुद्दे पर प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार पर हमला बोला। सोनिया गांधी ने कहा कि देश आर्थिक संकट, कोरोना महामारी और चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर संकट में है। इन सभी की वजह बीजेपी और एनडीए सरकार की गलत नीतियां हैं।



वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, राहुल गांधी और पी चिदम्बरम समेत अन्य नेता भी शामिल थे। सोनिया गांधी ने मोदी सरकार के बीस लाख करोड़ के आर्थिक पैकज को खोखला बताते हुए कहा कि समय की मांग यह है कि वंचितों को सीधे उनके हाथ में पैसे थमाए जाएं, इसके साथ ही सरकार को MSME की स्थिति में सुधार करने की ओर ध्यान देना चाहिए। लेकिन सरकार ने इसके बनिस्बत एक खोखला प्रतीत होने वाले आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। जिसका कोई फायदा लोगों तक पहुंचता नहीं दिख रहा। कांग्रेस अध्यक्ष ने सरकार पर विपक्ष द्वारा दी गई सही नसीहतों को न मानने का आरोप भी लगाया है।





 



सोनिया गांधी ने बैठक में कहा कि हम देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था पर पहले भी चर्चा कर चुके हैं। लेकिन अर्थव्यवस्था में अब तक कोई सुधार देखने को नहीं मिल रहा है। हालात दिन पर दिन बिगड़ते जा रहे हैं। सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर तेल के दामों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के ऊपर घेरते हुए कहा कि ऐसे समय में जब सरकार को लोगों की मदद करनी चाहिए, तब सरकार लोगों तक सहायता पहुंचाने की बजाय तेल के दामों में वृद्धि कर आर्थिक बोझ डाल रही है। अर्थव्यवस्था की हालत इतनी बिगड़ गई है कि यह अपने 42 वर्षों के न्यूनतम स्तर तक पहुंच गई है। सोनिया गांधी ने देश में बेरोज़गारी, आय और निवेश में कमी के बढ़ने की आशंका जताई है।



सरकार ने लोगों को बेसहारा छोड़ दिया



कांग्रेस अध्यक्ष ने बैठक में मोदी सरकार को कोरोना द्वारा जनित परिस्थितियों के लिए कसूरवार ठहराया। सोनिया ने कहा कि मोदी सरकार कोरोना के प्रभाव को कम करने में तो विफल साबित हुई ही इसके साथ ही उसने लोगों को अपने हाल पर रहने के लिए छोड़ दिया। कांग्रेस ने शुरू से ही सरकार का कोरोना से निपटने के लिए हर मोर्चे पर समर्थन किया। लेकिन सरकार खुद लॉक डाउन को मैनेज करने के साथ साथ कोरोना के प्रभाव और प्रसार को नियंत्रित करने में नाकाम रही। देश ने आज़ादी और बंटवारे के बाद इतने बड़े स्तर पर विस्थापन का सामना किया है। लाखों की तादाद में प्रवासी मजदूरों का विस्थापन हुआ। सरकार ने इन मजदूरों को सहायता प्रदान करने के बनिस्बत उनको अपने हाल पर ही रहने के लिए छोड़ दिया।



सरकार ने चीन सीमा की सच्चाई छुपाई



सोनिया गांधी ने अपनी बैठक के दौरान मोदी सरकार को चीन के मसले पर घेरते हुए सरकार पर सीमा की वस्तुस्थिति से देश को अवगत न कराने का आरोप लगाया। सोनिया गांधी ने कहा कि चीन के मसले पर सबसे पहले कांग्रेस ने सेना और सरकार का समर्थन किया। जहां देश की सुरक्षा और अखंडता की बात होती है तो वहां किसी और मत की कोई गुंजाइश नहीं होती। लेकिन सरकार शुरू से ही चीन के मसले पर सीमा की वास्तविक स्थिति देश से छुपा रही है। अप्रैल - मई की शुरुआत से ही सीमा पर तनातनी जारी है। चीन तभी से सीमा का उल्लंघन करने की कोशिश कर रहा है। लेकिन सरकार इस बात को देश को बताने के बनिस्बत छुपा रही हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने 19 जून को हुई सर्वदलीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए विवादित बयान पर भी अपनी आपत्ति ज़ाहिर करते हुए कहा कि 15-16 जून को हमारे बीस सैनिक शहीद हो गए, 85 सैनिकों गंभीर रूप से घायल हो गए तो वहीं दस सैनिक वापिस न आने तक लापता रहे। लेकिन प्रधानमंत्री ने सर्वदलीय बैठक के दौरान किसी भी प्रकार के चीनी घुसपैठ से इनकार कर दिया। सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर चीनी मसले पर काबू पाने में असफल होने का आरोप लगाया।