प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को अपने लेह दौरे के दौरान भारतीय सेनाओं का मनोबल बढ़ाने के साथ ही चीन पर जुबानी हमला किया है। उन्होंने चीन का बिना नाम लिए कहा है कि विस्तारवादी ताकतें दुनियाभर से खत्म हो गई हैंं या मुड़ गयी हैंं। यह युग विकास का युग है और अब इसी के लिए अवसर हैं। हम बांसुरीधारक कृष्ण की पूजा करते हैं तो चक्रधारी कृष्ण की पूजा भी करते हैं। मोदी ने इस दौरान वहां तैनात सेना के जवानों का हौसला अफजाई करते हुए कहा कि पूरे देश को भारतीय सेना पर नाज है। उन्होंने कहा, '14 कोर की जांबाज सैनिकों के किस्से हर तरफ है। दुनिया ने आपका अदम्य साहस देखा है। आपकी शौर्य गाथाएं घर-घर में गूंज रही है। भारत के दुश्मनों ने आपकी फायर और फ्यूरी दोनों देखी है।'



लेह दौरे के दौरान पीएम मोदी ने गलवान हिंसा में घायल हुए जवानों से मिलकर उनका हालचाल भी जानी। इस दौरान प्रधानमंत्री ने उनसे कहा, 'मैं आप सभी और सभी सैनिकों को सलाम करना चाहता हूं जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना जीवन लगा दिया। लद्दाख का हर कोना, हर पत्थर, हर नदी और यहाँ का हर कंकड़ जानता है कि यह भारत का अभिन्न अंग है। आज मैं आपकी जय बोलता हूं और आपका अभिनंदन करता हूं। '



भारत का मस्तक है लद्दाख का हिस्सा



इस दौरान मोदी ने लद्दाख को भारत का मस्तक बताया है। उन्होंने कहा, 'यह धरती गलवान घाटी में शहीद हुए जवानों के सिंहनाद की जयकारा कर रही है। हर देशवासी का सिर आपके सामने अपने देश के वीर के सामने आदर पूर्वक नतमस्तक होकर नमन कर रहा है। लद्दाख का पूरा हिस्सा भारत का मस्तक है।130 करोड़ भारतीयों का मान-सम्मान का प्रतीक है। यह राष्ट्रभक्तों की धरती है। आज लद्दाख के लोग हर स्तर पर चाहे वह सेना हो या सामान्य नागरिक के कर्तव्य हो, राष्ट्र को मजबूत करने के लिए प्रेरणा दे रहे हैं।'





 



घाटी का हर चोटी, हर पर्वत आपकी बहादुरी का गवाह है



मोदी ने सैनिकों का हौसला बुलंद करते हुए उनकी तुलना नीमू पोस्ट से की। उन्होंने कहा, 'आपकी भुजाएं उतनी ही मजबूत हैं जितनी कि चारों ओर पहाड़ आपका आत्मविश्वास, दृढ़ संकल्प और विश्वास उतना ही अटल है जितनी यहां की चोटियां। आत्मनिर्भर भारत को आपसे मजबूती है। आपकी बहादुरी और समर्पण अद्वितीय है। आपका साहस इन उच्चतम क्षेत्रों से अधिक है जहां आप सभी तैनात हैं। देश के दुश्मनों ने आपकी फायर और फ्यूरी दोनों देखी है। भारत माता के दुश्मनों ने आपके अंदर की आग और आक्रामकता दोनों देखी है। लेह, लद्दाख से लेकर सियाचिन और करगिल तक...गलवान का बर्फीला पानी, हर पर्वत, इसकी हर चोटी भारतीय जवानों की बहादुरी की गवाह है।'