नई दिल्ली। टोक्यो ओलंपिक में भारतीय मुक्केबाज मैरीकॉम ने धमाकेदार शुरुआत की है। जिस वजह से भारतीय खेमे को एक और पदक की उम्मीद बढ़ गई है। मैरीकॉम ने टोक्यो ओलंपिक में अपना पहला मुकाबला जीत लिया है।

मैरीकॉम ने डोमिनिका की हर्नांडिज़ गार्सिया को राउंड 32 के मुकाबले में 4-1 से शिकस्त देकर अगले दौर में अपनी जगह पक्की कर ली है। मैरीकॉम ने मुकाबले के तीसरे और अंतिम राउंड में प्रतिद्वंदी गार्सिया को चारों खाने चित कर दिया। मैरीकॉम की इस जीत ने भारतीय प्रशासकों की उम्मीदें तो बढ़ाई हैं, लेकिन खुद मैरीकॉम भी इस ओलंपिक में अपने मेडल को लेकर आत्मविश्वास से लबरेज हैं। 

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अपने पहले मुकाबले से पहले ही मैरीकॉम ने कहा था कि अब बस गोल्ड मेडल की ही कमी है, इसलिए मैं वही लेने टोक्यो आई हूं। मैरीकॉम ने कहा कि कोरोना और अन्य मुश्किलों के होने के बावजूद मैं टोक्यो बस गोल्ड लेने आई हूं। एक उसी चीज की कमी अब रह गई है।

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मैरीकॉम ओलंपिक में पदक जीतने वाली इकलौती भारतीय मुक्केबाज हैं। मैरीकॉम ने 2012 लंदन ओलंपिक में भारत के लिए कांस्य पदक जीता था। टोक्यो ओलंपिक में भारत की तरफ से मणिपुर की ही मीराबाई चानू ने वेटलिफ्टिंग में सिल्वर मेडल जीता है। मैरीकॉम ने मीराबाई चानू की जीत पर खुशी प्रकट करते हुए कहा कि हम मणिपुर के लोग मजबूत होते हैं। हम सुविधा से यहां नहीं पहुंचते। जब तक हम अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते तब तक हम मेहनत करना नहीं छोड़ते।