दुर्ग। शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार के लिए 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू देशभर के 45 शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित करेंगी। ये पुरस्कार उन शिक्षकों को प्रदान किया जाएगा जिन्होंने अपने शिक्षण कौशल से छात्रों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इनमें एक नाम छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की शिक्षिका डॉ. प्रज्ञा सिंह का है, जिन्होंने गणित जैसे कठिन विषय को खेल का रूप देकर काफी आसान बना दिया है। 

हनोदा मिडिल स्कूल में बतौर शिक्षिका काम कर रही डॉ. प्रज्ञा सिंह ने अपने शिक्षण कौशल और दृढ़ संकल्प से बच्चों के मन से गणित का भूत हटा उन्हें इस विषय से प्यार करा दिया। उन्होंने अपने छात्रों को सांप-सीढ़ी और अन्य इंडोर खेलों के माध्यम से गणित पढ़ाकर उनके लिए इस विषय को काफी रोचक बना दिया है। उनके पढ़ाने के तरीके को देख जो बच्चे पहले इस विषय से खौफ खाते थे अब वह इसे पढ़ने के लिए इतने उत्सुक रहते हैं कि बीमार होने के बावजूद स्कूल पहुंच जाते हैं। 

डॉ. सिंह का अपने पढ़ाने के इस रोचक तरीके पर कहना है कि बच्चे गणित के विषय को काफी कठिन मानते हैं और इससे दूर भागते हैं लेकिन ये काफी सरल है। उनका मानना है कि शिक्षकों को बस बच्चों को इस विषय को सही तरीके से पढ़ाने की जरूरत है जो कि उन्हें आसानी से समझ में आए। डॉ. प्रज्ञा सिंह जनरल कैटेगरी में इस पुरस्कार के लिए चुनी जाने वाली छत्तीसगढ़ से एकमात्र शिक्षिका हैं। वह आगामी 3 सितंबर को राजधानी दिल्ली के लिए रवाना होंगी और 5 सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू के हाथों सम्मानित होंगी। 

डॉ. प्रज्ञा सिंह ने चार विषयों में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की है। साथ ही उन्होंने एक विषय में पीएचडी भी की है। फिलहाल वह हनोदा मिडिल स्कूल में बतौर शिक्षिका काम कर रही हैं और बच्चों के विकास में अहम भूमिका अदा कर रही हैं। उन्होंने बच्चों की पढ़ाई के लिए ना केवल खुद को समर्पित किया बल्कि खुद की सैलरी से 8 लाख रुपए खर्च कर स्कूल में कई सुविधाओं का निर्माण कराया था। इनमें सबसे रोचक सुविधा है स्कूल में बनाया गया गणित पार्क जहां बच्चे गणित विषय को काफी सरल तरीके से समझते हैं।