भोपाल। छिंदवाड़ा के छोटे से गांव तामिया में जन्मी पर्वतारोही भावना डहेरिया का नाम गिनीज़ बुक में दर्ज हुआ है। भारतीय हिमालय पर्वत श्रृंखला को दुनिया में प्रमोट करने के लिए उन्हें गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में जगह मिली है। कोयम्बटूर के ट्रांसेंड एडवेंचर्स और स्नो लेपर्ड एडवेंचर्स की ओर से 15 अगस्त 2020 को एक ऑनलाइन इवेंट हुआ था। जिसमें दुनिया के हजारों पर्वतारोहियों ने आनलाइन भाग लिया था। मध्यप्रदेश की भावना समेत दुनिया के 995 कैडीडेट्स को यह सम्मान मिला है। 

इस प्रतियोगिता में एक घंटे में हिमालय पर्वत की किसी कैटेगरी पर की हुई अपनी क्लाइंब की तस्वीरों को माउंटेन्स ऑफ इंडिया के फेसबुक पेज पर शेयर करना था। इस प्रतियोगिता में दुनिया के हजारों पर्वतारोहियों ने भाग लिया था। भावना ने इस ऑनलाइन इवेंट में एक घंटे में हिमालय पर्वत श्रेणी पर अपनी क्लाइंब की तस्वीरें माउंटेंस ऑफ इंडिया के फेसबुक पेज पर शेयर की थी।

एवरेस्ट की चोटी समेत विश्व की चार सबसे ऊंची चोटियों पर फतह हासिल करने वाली भावना का सपना दुनिया के सात सबसे ऊंचे शिखरों पर तिरंगा लहराना है।

भावना का कहना है कि सातवीं क्लास में उन्होंने ठान लिया था कि वे पर्वतारोही बनेंगी। मध्यवर्गीय परिवार में जन्मी भावना का सफर काफी दिक्कतों भरा रहा है। एवरेस्ट पर चढ़ाई करने में करीब 25 लाख का खर्च आता है, इसके लिए उन्हें काफी मेहनत करनी पड़ी। भावना का सपना है कि वे युवाओं को पर्वतारोहण की ट्रेनिंग दें।

भावना ने 22 मई 2019 को माउंट एवरेस्ट के शिखर पर तिरंगा फहराया था। साथ ही दुनिया के चार महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों पर फतह हासिल की है। वे चार बार भारत का झंडा ऊंचे शिखरों पर फहरा चुकी हैं। होली और दीवाली वे दुनिया की ऊंची चोटियों पर मना चुकी हैं। साल 2019 में अफ्रीका महाद्वीप के माउंट किलिमंजारो पर दीवाली के मौके पर उन्होंने तिरंगा लहराया था। वहीं साल 2020 की होली उन्होंने ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप के सबसे ऊंचे शिखर माउंट कोजिअस्को पर फतह हासिल करके मनाई थी। अब भावना ने गिनीज बुक में नाम दर्ज करवा कर नई उपलब्धि हासिल की है।