बीजापुर। लंकापल्ली गांव में अस्पताल पहुंचने में देरी की वजह से एक प्रसूता के गर्भ में बच्चे की मौत हो गई। लाख कोशिशों के बाद भी अस्पताल पहुंचने में देरी के कारण महिला के गर्भ में बच्चे ने दम तोड़ दिया। दरअसल इस गांव से बाहर निकलने के लिए नदी पार करनी पड़ती है, ग्रामीणों ने अपनी जान खोखिम में डालकर उफनाती नदी में मानव श्रृंखला बनाई और महिला को किसी कदर स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाया। इसके बाद भी महिला के बच्चे की जान नहीं बच पाई। डाक्टर किसी कदर महिला की जान बचाने में तो कामयाब हो गए, पर बच्चे की जान नहीं बचा पाए।

नदी में मानव श्रंखला बनाकर प्रसूता को पार करवाई नदी

दरअसल छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में भारी बारिश से नदी नाले उफान पर हैं। बीजापुर जिले के लंकापल्ली गांव में भी बारिश की वजह से बाढ़ के हालात हैं। लोगों का घरों से निकलना दूभर हो रहा है। ऐसे में अगर किसी को अस्पताल तक जाना हो तो जान जोखिम में डालना पड़ता है।

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यहां सारिका नाम की महिला प्रसव पीड़ा से तडप रही थी। महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए ग्रामीणों ने रस्सा बांधकर मानव श्रंखला बनाई और महिला को गोद में उठा कर नदी पार करवाई। महिला को नदीं पार कराने के लिए ग्रामीण नदी में कमर तक पानी में उतरे और उपनी जान की परवाह किए बिना ही प्रसूता को नदी पार करवाई।

मां की बची जान, गर्भ में हुई बच्चे की मौत

किसी कदर नदी पार कराने के बाद महिला को इलाके के इल्मीडी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। महिला की गंभीर हालत देखते हुए उसे वहां से बीजापुर जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। बीजापुर बीएमओ डॉक्टर मनीष उपाध्याय से मिली जानकारी के अनुसार महिला गर्भ में ही बच्चे की मौत हो गई। लेकिन डाक्टर महिला की जान बचाने में कामयाब हो गए। महिला को बेहतर इलाज के लिए अस्पताल में ही भर्ती रखा गया है।

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