Chhattisgarh News: महतारी एक्सप्रेस तक कैसे पहुंचे प्रसूता

Sarguja Chhattisgarh: 12 साल से विधायक और मौजूदा स्वास्थ्य मंत्री के इलाके में पुल को तरसते लोग

Updated: Aug 02, 2020, 08:57 PM IST

छत्तीसगढ़। वैसे तो राज्य में गर्भवती महिलाओं को अस्पताल की सुविधा देने के लिए शुरू हुई महतारी एक्सप्रेस बेहतर काम कर रही है। लेकिन सुदूर ग्रामीण इलाकों के कुछ गांव आज भी इस सुविधा से वंचित रह गए हैं। वजह है इन गांवों तक सड़क या पुल का ना होना। दुर्भाग्य से इनमें से ही एक इलाका है, सरगुजा का कदनई गांव। जहां के आदिवासी आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। मैनपाट विकासखंड के पहुंचविहीन क्षेत्रों में से एक कदनई गांव। यहां की जनता को सड़क और पुलिया के आभाव में मेडिकल इमरजेंसी के समय अनेक मुसीबतों से दो चार होना पड़ रहा है।

 एक तस्वीर सामने आई है जिसमें स्थानीय लोग एक प्रसूता को महतारी एक्सप्रेस तक पहुंचाने के लिए कांवड़ के सहारे नदी पार करा रहे हैं। महतारी एक्सप्रेस राज्य में प्रसूता महिलाओं को अस्पताल की सुविधा मुहैय्या कराने के लिए चलाई गई एक इमरजेंसी सेवा है। लेकिन इस इलाके के लोगों को उस तक पहुंचने के लिए भी एक लंबे संघर्ष से जूझना पड़ रहा है। यह गांव प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव का विधानसभा क्षेत्र है। जहां से वो 2008 से लगातार चुनाव जीत रहे हैं।

कदनई गांव एक तरफ पहाड़ और दूसरी तरफ घुनघुट्टा नदी से घिरा हुआ है। गांव की एक गर्भवती महिला सचिता को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू होने पर परिजन ने फोन करके महतारी एम्बुलेंस बुलाई। महतारी एम्बुलेंस गांव की नदी किनारे आकर रुक गई। जिसके बाद महिला को कांवड़ में लादकर परिजन ने उफनती घुनघुट्टा नदी को पार किया और एंबुलेंस के जरिए दर्द से बेहाल महिला को बतौली के स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया।

अक्सर इस इलाके से बीमार ग्रामीणों को इसी तरह लादकर अस्पताल भेजा जाता है। कदनई गांव के ग्रामीण कई साल यहां पुल बनवाने की मांग कर रहे हैं। लेकिन ग्रामीणों की इस मांग पर किसी भी सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया। यहां पुल बनने से ग्रामीणों को बतौली तक पहुंचनें में आसानी होगी।

मैनपाट विकासखंड के कदनई गांव की आबादी करीब डेढ़ हजार है। गांव में आज तक आवागमन का साधन ना होने की वजह से ग्रामीणों को बारिश के मौसम में बड़ी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। अगर गांव में कोई बीमार पड़ जाए तो छोटी परेशानी भी पहाड़ बन जाती है।