Chhattisgarh: गर्भवती को कांवड़ का सहारा

Korba: दुर्गम रास्ते पर तीतरडांड गांव में गर्भवती महिला को अस्पताल जाने के लिए मिला पुलिसकर्मी और ड्राइवर का साथ

Updated: Aug 06, 2020, 06:15 AM IST

रायपुर। कोरबा जिले के सुदूर वनांचल स्थित तीतरडांड गांव में रास्ता खराब होने की वजह से एक गर्भवती महिला को कांवड़ के सहारे एंबुलेंस तक पहुंचाया गया। दरअसल तीतरडांड गांव के शिव कुमार की पत्नी अमृता को सुबह से प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। जिसके बाद परिजनों ने एम्बुलेंस को फोन करके बुलाया। एम्बुलेंस 112 की टीम जब पहुंची तो उसे पता चला कि तीतरडांड गांव तक जाने के लिए कोई रास्ता ही नहीं है। इस गांव के रास्ते इतने दुर्गम थे कि गांव तक एंबुलेंस किसी भी तरह पहुंच ही नहीं सकती थी।

ऐसे में श्यांग थाने में तैनात पुलिस आरक्षक सुखदेव और ड्राइवर रामदयाल राठिया महिला की मदद को आगे आए। दोनों पैदल ही गांव के लिए निकल पड़े, दोनों करीब एक किलोमीटर पैदल चलकर गांव तक पहुंचे। प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला को कांवड के सहारे लेकर एम्बुलेंस तक आए। जिसके बाद महिला को सकुशल अस्पताल पहुंचाया गया। यह घटना मंगलवार की बताई जा रही है।

गौरतलब है कि तीतरडांड गांव तक पहुंचने के लिए पहाड़ी नाले को पार करना पड़ता है। पुलिस जवान और ड्राइवर ने कांवड़ बनाकर उसमें गर्भवती महिला को बैठाया और फिर कांवर के माध्यम से गर्भवती को ढोकर 112 एम्बुलेंस वाहन तक पहुंचाया। इस दौरान जवानों ने न सिर्फ दुर्गम रास्तों को पार किया, बल्कि एक पहाड़ी नाले को भी पार किया।

छत्तीसगढ़ के कई जिलों में अब भी कई ऐसे गांव हैं, जहां पहुंचने के लिए कठिन रास्तों को पार करना पड़ता है। इन पहुंचविहीन गांवों में आदिवासियों की संख्या बहुतायत है। तीतरडांड जैसे कई गांव चिकित्सकीय सुविधाओं की बाट जोह रहे हैं।

पिछले दिनों सरगुजा जिले के मैनपाट में भी एक गर्भवती महिला को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए कांवड का सहारा लिया गया था।