छत्तीसगढ़ सरकार ने आदिवासियों और वनवासियों से 31 लघु वनोपज की खरीदी करने का निर्णय लिया है। सोमवार को छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी समाज की गिनती हमारे सबसे प्राचीन समाज में होती है। प्रदेश में आदिवासियों की आदिम संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए सरकार हरसंभव पहल कर रही है। कई कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं।

7 से बढ़ाकर 31 लघु वनोपज की खरीदी का फैसला

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में आदिवासियों और वनवासियों के हितों को ध्यान में रखते हुए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। इनमें लघु वनोपजों की खरीदी का दायरा बढ़ाकर 31 तक कर दिया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि राज्य में इससे पहले साल 2018 तक मात्र 7 लघु वनोपजों की ही खरीदी समर्थन मूल्य पर की जाती थी। प्रदेश में लघु वनोपजों की खरीदी का दायरा बढ़ने से आदिवासियों और वनवासियों को ज्यादा से ज्यादा लघु वनोपजों के संग्रहण का लाभ मिलने लगा है।

लघु वनोपज खरीदी में देश में पहले स्थान पर है छत्तीसगढ़

यही वजह है कि कोरोना के दौर में भी छत्तीसगढ़ में आदिवासियों और वनवासियों को रोजगार के साथ-साथ आय के लिए किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। वर्तमान सीजन के दौरान छत्तीसगढ़ लघु वनोपजों के संग्रहण के मामले में पूरे देश में लगातार पहले नंबर पर बना हुआ है। इस मौके पर प्रतिनिधिमंडल में सुरेश कुमार उरांव, एसआर प्रधान, अनिल भगत उपस्थित रहे। छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व समाज के कार्यकारी अध्यक्ष बीएस रावटे ने किया।