रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीजेपी और केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मुख्यमंत्री का आरोप है कि भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार राज्यों पर कंट्रोल करना चाहती है। जिसके लिए वह  राजभवन का दुरुपयोग कर रही है। वहीं बीजेपी पर IAS अधिकारियों को कंट्रोल करने की कोशिश का भी आरोप लगायै है। उन्होंने भारत सरकार के अखिल भारतीय सेवाओं के काडर नियमों में संशोधन प्रस्ताव का विरोध किया है। दरअसल सरकारों से इस बारे में सुझाव मांगा गया है।

इसे लेकर सीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने अखिल भारतीय सेवाओं के काडर नियमों में बदलाव नहीं करने का आग्रह किया है। इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में इस बात को स्पष्ट रूप से बताया है कि अखिल भारतीय सेवाओं के काडर नियमों में प्रस्तावित संशोधन से प्रशासनिक व्यवस्था चरमरा सकती है और अस्थिरता की स्थिति निर्मित हो सकती है। सीएम ने लिखा है कि प्रस्तावित संशोधन केन्द्र सरकार को IAS अधिकारियों की पदस्थापना के अधिकार, एकपक्षीय रूप से बिना राज्य सरकार और संबंधित अधिकारी की सहमति के प्रदान करते है, जो कि संविधान में अंगीकृत और रेखांकित संघीय भावना के पूरी तरह खिलाफ है।

मुख्यमंत्री का कहना है कि अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर तो जाते ही हैं। कोई जाना चाहता है तो उसे रोका भी नहीं जाता। भारत सरकार द्वारा किसी अधिकारी को मांगनेपर उसे मना नहीं करते। लेकिन इसके लिए राज्य की सहमति ली जाती है। वहीं अगर सरकार को लगता है कि कोई अफसर अच्छा काम कर रहा है तो उसे अपनी आवश्यकता के अनुसार कुछ दिन रोका भी जाता है, बाद में भेज भी देते हैं। लेकिन अब अच्छा काम करने वाले राज्य के अधिकारियों को अचानक केंद्र में ले जाया जाए तो राज्य का नुकसान होगा। इस बदलाव के माध्यम से भय बनाए रखेंगे तो यह संघीय व्यवस्था के लिए उचित नहीं है। मुख्यमंत्री ने बताया, इसके विरोध में उन्होंने पत्र लिखा है। 

दरअसल केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने राज्य सरकारों पर आरोप लगाया है कि राज्य केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए पर्याप्त संख्या में अधिकारियों को प्रायोजित नहीं कर रहे हैं। केंद्र में अधिकारियों की कमी हो रही है, उन्हें जरूरत के अनुसार अफसर नहीं मिल रहे हैं। इसके लिए DOPT द्वारा संशोधनों का सुझाव और राज्य सरकारों से जवाब मांगा। राज्यों को जवाब देने के लिए 25 जनवरी तक का समय दिया गया है। वहीं कहा गया है कि तब तक भी राज्य सरकारें जवाब नहीं देती को केंद्र सरकार इसे सहमति मानकर नियमों को राजपत्र में प्रकाशित कर लागू कर देगी। इसी के विरोध में मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है।